गिरिडीह: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को गिरिडीह कॉलेज में तालाबंदी की. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि असिस्टेंट प्रोफेसर भागवत राम ने कार्यकर्ताओं पर गलत आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत की है. ऐसे में इस मामले की जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही वे प्रोफेसर को बर्खास्त किए जाने की भी मांग कर रहे थे. हालांकि बाद में मामले का निपटारा कर लिया गया.
प्रोफेसर ने आवेदन वापस देने की दी स्वीकृति
कॉलेज में तालाबंदी के बाद प्रोफेसर ने अपना आवेदन वापस लेने की स्वीकृति दे दी. जिसके बाद मामला शांत हो गया. इस दौरान जहां कॉलेज में होने वाले सभी कार्य ठप पड़ गये. वहीं कई बार अभाविप के कार्यकर्ताओं व कॉलेज के प्रोफेसरों के बीच कहा-सुनी भी हो गयी.
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क्या है पूरा मामला
पिछले दिनों प्रोफेसर भागवत राम ने अभाविप के कार्यकर्ताओं पर धमकी देने का आरोप लगाते हुए विनोबाभावे विश्वविद्यालय के कुलपति समेत पुलिस को आवेदन दिया था. इसके बाद अभाविप के कार्यकर्ता नाराज चल रहे थे. इसी मामले को लेकर अभाविप के प्रदेश मंत्री रौशन सिंह के नेतृत्व में तालाबंदी की गयी थी.
बीएड के प्रोफेसरों ने भी प्राचार्य को दिया है आवेदन
आंदोलन के पूर्व बीएड विभाग के प्रोफेसरों ने गिरिडीह कॉलेज के प्राचार्य डा. अजय मुरारी को आवेदन देकर मामले की जांच कराने की मांग की है. दिये गये आवेदन में प्रोफेसरों ने कहा है कि अभाविप के कार्यकर्ताओं के बीएड विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर भागवत राम को दिये गये धमकी के बाद हम सभी प्रोफेसर भयभीत हैं. उनका कहना है कि इस भय के माहौल में वे सभी बीएड की कक्षाएं लेने में असमर्थ है. उन्होंने अपने लिए न्याय की मांग का मुद्दा भी उठाया. हालांकि इन सब के बीच कॉलेज प्रबंधन मामले के निपटारे का दावा कर रहा है.