गिरिडीह: जिले के बगोदर प्रखंड के बेको में एपवा के नेतृत्व में आजीविका महिला संगठन से जुड़ी महिलाओं ने बैठक की. इस दौरान उन्होंने नई महाजनी व्यवस्था के खिलाफ कर्ज मुक्ति दिवस मनाया. साथ ही उन्होंने कर्ज से मुक्ति दिये जाने की मांग की. बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में झामस नेता परमेश्वर महतो और जिप सदस्य गजेंद्र महतो उपस्थित रहे, साथ ही पूर्वी और पश्चिमी पंचायत के आजीविका महिला संगठन से जुड़ी लगभग एक सौ महिलाओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के दौरान महिलाओं ने कर्ज से मुक्ति देने की मांग की. ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
गिरिडीह: आजीविका महिला संगठन ने मनाया कर्ज मुक्ति दिवस, मांगें पूरी नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी - झामस नेता परमेश्वर महतो
गिरिडीह में आजीविका महिला संगठन से जुड़ी महिलाओं ने बैठक की. इस दौरान उन्होंने कर्ज मुक्ति दिवस भी मनाया. बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में झामस नेता परमेश्वर महतो और जिप सदस्य गजेंद्र महतो उपस्थित रहे. बैठक के दौरान महिलाओं ने कर्ज से मुक्ति देने की मांग की, साथ ही ऐसा नहीं होने पर आंदोलन करने की भी चेतावनी दी है.
![गिरिडीह: आजीविका महिला संगठन ने मनाया कर्ज मुक्ति दिवस, मांगें पूरी नहीं होने पर दी आंदोलन की चेतावनी Aajivika Women Organization celebrated debt forgiveness day in giridih](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8405894-thumbnail-3x2-ss.jpg)
ये हैं मांगें
संगठन से जुड़ी घंघरी के मुनी देवी ने कहा कि सरकार ने महिला समूहों के गठन के समय महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की बात कही थी, लेकिन स्थिति बिल्कुल विपरीत है, काम मांगने पर भी काम नहीं मिल रहा है. बैठक के दौरान शिक्षा लोन को ब्याज मुक्त करने, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देने और उनके उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने, रोजगार के लिए 10 लाख तक के कर्ज पर 0. 4% ब्याज दर निर्धारित करने की मांग की गई. महिलाओं ने कहा कि सरकार अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं करती है तो सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा.
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महिलाओं को सरकार रोजगार दे
मुख्य अतिथि परमेश्वर महतो ने कहा कि सरकार ने समूह बनाकर महिलाओं को जोड़ने का काम किया है, लेकिन महिलाओं को सिर्फ समूह से जोड़ देने मात्र से काम नहीं चलेगा, बल्कि उन्हें रोजगार देने की भी गारंटी सरकार को देनी होगी. वहीं जिप सदस्य गजेंद्र महतो ने कहा कि सरकार महिलाओं को रोजगार के साथ सुरक्षा की भी गारंटी दे, ताकि वे भयमुक्त होकर स्वरोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंंने कहा कि कोरोना काल में समूह से जुड़ी महिलाओं को रोजगार देने की गारंटी सरकार को सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि उनके घर के पुरुष महानगरों और विदेशों में पलायन करते थे वे अभी घर में बैठे हुए हैं, ऐसे में आर्थिक परेशानियां और भी बढ़ गई है.