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Published : Apr 23, 2021, 7:41 PM IST

Updated : Apr 23, 2021, 8:53 PM IST

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मददगारः गिरिडीह में कोरोना संक्रमित और लावारिस शव का कर रहे अंतिम संस्कार

कोरोना काल में जब हालात भयावह है, तब गिरिडीह में कुछ युवक कोरोना संक्रमित और लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं. मुश्किल घड़ी में युवकों की ये टीम लोगों की मदद कर रही है.

Funeral of Corona infected in Giridih
गिरिडीह में कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार

गिरिडीह:जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद प्रशासन की तरफ से अंतिम संस्कार कराया जा रहा है. कई लोग ऐसे हैं, जिनकी मौत घर में हो जाती है और प्रशासन को सूचित नहीं कर पाते. कई लोगों की मौत अचानक हो जाती है और लोगों को लगता है कि कोरोना की वजह से ही उनकी जान गई है. ऐसे मामले सामने आए हैं, लोग अंतिम संस्कार करने से डर रहे हैं. ऐसे में गिरिडीह के कुछ युवक टीम बनाकर कोरोना संक्रमित और लावारिस शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

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परिजनों की करते हैं काउंसलिंग

युवकों ने बताया कि कई बार शव के साथ श्मशान पहुंचे परिजन भी अंतिम संस्कार करने से डरते हैं. ऐसे में परिजनों को समझाते हैं कि सावधानी बरतते हुए किस तरह अंतिम संस्कार कर सकते हैं. कई बार लोग तैयार हो जाते हैं. तब परिजनों को दाहस्थल तक लकड़ियां पहुंचाने और लकड़ियों को व्यवस्थित करने में मदद करते हैं. कई बार लोग जब तैयार नहीं होते तब खुद ही शव का अंतिम संस्कार करते हैं. अंतिम संस्कार से पहले पूरी सावधानी बरतते हैं. पीपीई किट पहनकर ही शव का अंतिम संस्कार करते हैं. इनकी टीम अब तक 9 शव का अंतिम संस्कार कर चुकी है.

लोगों को मानवता का परिचय देने की जरूरत

सामाजिक कार्यकर्ता रॉकी बताते हैं कि ऐसा करना में संक्रमण का डर बना रहता है, पर हालात ऐसे हैं कि किसी को तो आगे आना ही होगा. इस समय सामान्य मौत को भी लोग कोरोना से जोड़कर देख रहे हैं. जिनके घर किसी की मौत हो जा रही है या जिनके यहां कोई संक्रमित है, उनसे भेदभाव किया जा रहा है. इस समय सोच बदलने की जरूरत है, लोग जागरुक हों और संक्रमितों के साथ अच्छा व्यवहार करें. इस हालात में लोगों को मानवता का परिचय देने की जरूरत है.

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हालात बिगड़े, तब लिया अंतिम संस्कार का फैसला

इस टीम में शामिल मिथुन चंद्रवंशी बताते हैं कि अपने दोस्तों के साथ मिलकर यह काम कर रहे हैं. पिछली बार भी लोगों की काफी मदद की थी, इस बार स्थिति बड़ी भयावह है. जब देखा कि लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने से डर रहे हैं, तब यह फैसला लिया.

Last Updated : Apr 23, 2021, 8:53 PM IST

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