गढ़वा: गढ़वा सदर अस्पताल के प्रसूति विभाग में मंगलवार की देर शाम एक आदिम जनजाति गर्भवती महिला तीन घंटे तक तड़पती रही. आखिर में उसकी सांस थम गई. अस्पताल में तड़प-तड़प कर उसकी मौत हो गई. उस वक्त ड्यूटी में तैनात डक्टर मेहरू यामनी गायब थी.
फोन पर ही इलाज का देती रही निर्देश
बता दें कि डॉक्टर फोन पर ही नर्स को इलाज करने का निर्देश देती रहीं. जबकि उस गर्भवती महिला को भवनाथपुर से सदर अस्पताल में रेफर किया गया था. मृतक के परिजनों ने इसकी शिकायत डीसी से की है.
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सदर अस्पताल में मौत
बता दें कि भवनाथपुर थाना के कैलान गांव की आदिम जनजाति 40 वर्षीय प्रेमकली देवी गर्भवती थी. उसका प्रसूति का समय भी पूरा हो गया था. दर्द होने के बाद उसे भवनाथपुर सरकारी अस्पताल लाया गया. जहां इलाज के बाद उसे सदर अस्पताल रेफर किया गया था.
डीसी से शिकायत
सदर अस्पताल के प्रसूति विभाग के रजिस्ट्रेशन स्लिप के अनुसार, प्रेमकली देवी मंगलवार की दोपर 3.38 बजे अस्पताल पहुंची थी. शाम 6.20 बजे उसकी मौत हो गई. उस वक्त ड्यूटी कर रही नर्स ज्योति ने बताया कि महिला चिकित्सक डॉ मेहरू यामनी की ड्यूटी थी. मरीज को भर्ती करते ही डॉक्टर को कॉल किया गया था. उन्होंने जांच कराने का निर्देश दिया और वे खुद अस्पताल नहीं आ सकी थी. मरीज तीन घंटे तक अस्पताल में तड़पती रही, लेकिन उसकी तड़पन और चीख को डॉक्टर और चिकित्सीय कर्मचारी हवा में उड़ाते रहे. परिजनों ने सदर अस्पताल की इस लापरवाही की शिकायत डीसी से की है.
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अलग-अलग जांच शुरू
वहीं, डीसी ने सिविल सर्जन को इस मामले की जांच कर त्वरित रिपोर्ट देने को कहा है. उन्होंने दूसरी ओर नगर उंटारी एसडीओ कमलेश्वर नारायण को भी इस मामले के सारे पहलुओं की जांच का आदेश दिया है. सिविल सर्जन और एसडीओ ने अपनी अलग-अलग जांच शुरू कर दी है.