गढ़वा: देश की सुरक्षा और देश वासियों की रक्षा के लिए अब स्कूल-कालेजों में भी एक गोली-एक दुश्मन की थ्योरी न सिर्फ पढ़ाई जा रही है बल्कि उसका अभ्यास भी कराया जा रहा है. देश भक्ति का रंग उस समय दिखा जब कमजोर समझी जाने वाली लड़कियों ने अपने हाथों में हथियार थाम लिया और दनादन फायरिंग शुरू कर दी और अपने साहस का परिचय दिया. लड़कियों ने यह सिद्ध कर दिया कि उन्हें कमजोर समझने की भूल न करें. लड़कियों का यह साहस एनसीसी के प्रमंडल स्तरीय ट्रेनिंग में देखने को मिला.
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गढ़वा में एनसीसी कैम्प
एनसीसी 44 बीएन बटालियन का पलामू प्रमंडल स्तरीय 10 दिवसीय कैम्प गढ़वा में लगाया गया है. कैम्प में शामिल 86 कैडेट्स में 45 लड़कियां हैं. गढ़वा के गोपीनाथ सिंह महिला महाविद्यालय में एनसीसी कैम्प चल रहा है. इस कैम्प में छात्र-छात्राओं को राष्ट्र की रक्षा के लिये शारीरिक और बौद्धिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्हें सैनिकों की तरह ट्रेंड किया जा रहा है, ताकि मौका पड़े तो उन्हें सीधे युद्ध में उतारा जा सके.
एनसीसी कैम्प में गोली चलाने की ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग का महत्वपूर्ण पार्ट फायरिंग है. इसमें एक गोली-एक दुश्मन की थ्योरी की जानकारी दी जा रही है. ताकि एक भी गोली बर्बाद न हो सके. चले तो सीधे दुश्मन की सीने में उतर जाए. कैम्प के प्रभारी एसपीडी कॉलेज के एनओ सह लेफ्टिनेंट धीरेंद्र कुमार मिश्र ने कहा कि सूबेदार एससी बड़ाइक, माधव राय, हवलदार एमके सिंह, बुद्धिमान भगत, जीसी महली, क्लाइस खलखो एनसीसी कैडेट्स को अलग-अलग विधाओं की ट्रेनिंग दे रहे हैं.
एनसीसी पदाधिकारी माधव राय ने कहा कि एनसीसी कैडेट्स को वैसे तो प्रायः सारी ट्रेनिंग स्कूल-कॉलेज कैम्प्स में नियमित रूप से दी जा रही है. लेकिन फायरिंग की ट्रेनिंग बाहर के कैम्प में ही सम्भव हो पाता है. कैम्प में फायरिंग की ट्रेनिंग पर विशेष फोकस किया जा रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि टारगेट को कैसे हिट करना है. बिना अतिरिक्त गोली खर्च किये दुश्मन को कैसे मार गिराना है.