गढ़वाः भवनाथपुर के विधायक भानु प्रताप शाही इन दिनों गढ़वा जिला प्रशासन से नाराज हैं. उन्होंने जिला प्रशासन पर नियम की अनदेखी कर केंद्र की राशि मनमाने ढंग से खर्च कर अपने आका को खुश करने का आरोप लगाया है. भानु ने यहां तक कहा कि अगर जिला प्रशासन अपनी मनमानी पर रोक नहीं लगता है तो मजबूरन कठोर कदम उठाया जाएगा. नीति आयोग और भारत सरकार को इसकी जानकारी दी जाएगी.
विधायक भानू प्रताप शाही के निशाने पर प्रशासन, कहा- मनमाने ढंग से खर्च हो रहा केंद्र का पैसा - गढ़वा जिला प्रशासन पर नियमों की अनदेखी का आरोप
भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही ने गढ़वा जिला प्रशासन पर निशाना साधा है. उन्होंने नियमों की अनदेखी कर केंद्र की राशि मनमाने ढंग से खर्च करने का आरोप लगाया है.
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विधायक भानु ने गढ़वा जिला प्रशासन से अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि गढ़वा देश के 112 आकांक्षी (पिछड़े) जिलों में शामिल है. केंद्र सरकार की नीति आयोग ने जिला में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित किया था. नियमानुसार उपायुक्त को सांसद-विधायक के साथ बैठक कर जिला की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ करने का निर्णय लेना चाहिए था. लेकिन जिला प्रशासन ने बगैर कोई बैठक किए खुद से काम करना शुरू कर दिया, जो नियमानुकूल नहीं है.
उन्होंने कहा कि जिला का भी ख्याल नहीं किया गया, कोरोना का बहाना बनाकर केवल जिला अस्पताल को ही विकसित किया जा रहा है. जबकि किसी भी सिस्टम को नीचे से मजबूत बनाना आवश्यक होता है. जिला की किसी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल और अनुमंडलीय अस्पताल को सुदृढ बनाने की चिंता नहीं की गयी. जबकि सुदूरवर्ती इलाकों की स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति काफी दयनीय है. जिला प्रशासन के इस मनमानी रवैये से सांसद और जिला के कई विधायकों में रोष है.
सब-स्टैंडर्ड सामान की आपूर्ति हो रही है
विधायक भानु ने कहा कि खबर यह भी है कि कोरोना काल का बहाना कर सब-स्टैंडर्ड सामानों की आपूर्ति की जा रही है. वहीं जिला प्रशासन विकास की राशि को समानुपातिक ढंग से नहीं बांटकर अपने आका को खुश करने के लिए जिला के अन्य विधानसभा क्षेत्रों को केंद्र से मिलने वाली राशि को ना देकर एक ही विधानसभा क्षेत्र में खर्च करना नियमसंगत नहीं है. केंद्र की राशि से निर्मित योजनाओं में सांसद को नहीं बुलाना भी विशेषाधिकार का मामला बनता है. जिला में मनरेगा योजना में लूट सीमा पार कर गयी है, इस कारण जिला प्रशासन कटघरे में खड़ा है.