गढ़वाः गढ़वा जिले की नदियों से बेतरतीब ढंग से बालू उठाव जारी है. अवैध बालू उठाव की शिकायत की जांच करने गढ़वा पहुंची झारखंड विधान सभा की सामान्य प्रयोजन समिति के सवालों पर गढ़वा के जिला खनन पदाधिकारी बगलें झांकते नजर आए.
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अबूझ बन गए खनन पदाधिकारी के लिए सवाल
सामान्य प्रयोजन समिति ने जिला खनन पदाधिकारी से पूछा कि 8 जून को एनजीटी ने बालू उत्खनन को रोकने का आदेश दिया था. उस समय जिले में बालू का स्टॉक कितना था, उसके बाद आपकी ओर से कितने लोगों को बालू उठाव का परमिट दिया गया और जिले में कितना बालू का उठाव किया गया. इसका जवाब पदाधिकारी नहीं दे सके. वे कांपते नजर आए. समिति ने उन्हें देर शाम तक इसकी जानकारी उपलब्ध कराने का समय दिया है.
40 ट्रक पकड़े गए थे सिर्फ एक पर एफआईआरसामान्य प्रयोजन समिति को शिकायत मिली थी कि गढ़वा जिले की नदियों से अवैध रूप से बालू का उठाव करने वाले 40 ट्रक पकड़े गए थे, उनमें से केवल एक के खिलाफ एफआईआर की गई, शेष को मोटी रकम लेकर छोड़ दिया गया.
एक घंटे में 300 किलोमीटर की दूरी कैसे तय किए ट्रक?
सामान्य प्रयोजन समिति ने जांच के दौरान पाया कि जिन ट्रकों को गढ़वा से बालू उठाने के लिए सिमडेगा जिले से परमिट मिला था, वे ट्रक महज एक घंटे में ही सिमडेगा से लगभग 300 किलोमीटर दूर गढ़वा पहुंच गए और बालू लोड कर सिमडेगा के लिए निकल भी गए. यह कैसे सम्भव हुआ, इसपर भी जिला खनन पदाधिकारी मौन रहे.
लंबित कार्यों की समीक्षा
सामान्य प्रयोजन समिति ने खनन के अलावे अन्य विभागों के लंबित कार्यों की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिया. समिति में भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही, अनन्त ओझा और कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह भी सदस्य के रूप से शामिल थे.
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खनन विभाग में बड़ी हेराफेरीः विधायक सरयू राय
सामान्य प्रयोजन समिति के सभापति विधायक सरयू राय (MLA SARAYU RAI)ने कहा कि सामान्य प्रयोजन समिति विधान सभा की अन्य समितियों की ओर से दिए गए प्रतिवेदन का क्रियान्वयन करती है. उसपर कितना काम हो रहा है, यह देखती है. इसी के तहत गढ़वा का विजिट हुआ है, पदाधिकारियों के साथ बैठक में कई विभागों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की गई. इसमें खनन विभाग में बड़ा हेराफेरी होने की बात सामने आई है.
...तो कार्रवाई होगी
विधायक सरयू राय ने कहा कि खनन पदाधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके. आज रात तक उनका जवाब नहीं आता है तो रांची में बैठक होगी. सम्बन्धित पदाधिकारियों को बुलाया जाएगा, वहां भी जवाब नहीं मिलता है तो इसे बड़ा घोटाला मान लिया जाएगा. यह माना जायेगा कि खनन विभाग में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि का गबन हुआ है. इसमें कार्रवाई होगी.