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अंतहीन दुख में ददई, गम के समंदर में समर्थक, सहारा देने पहुंचे चंद्रवंशी - कांग्रेस नेता अजय दुबे की मौत

विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से टिकट के दावेदार अजय दुबे टिकट नहीं मिलने का सदमा सह नहीं पाए और उनकी मौत हो गई. अजय दुबे झारखंड कांग्रेस के बड़े लीडर ददई दुबे के चार बेटों में सबसे बड़े थे. बता दें कि उनकी जगह कांग्रेस ने उनके पिता ददई दुबे को टिकट दिया है.

बेटे की पार्थिव शरीर के साथ ददई दुबे

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Published : Nov 12, 2019, 4:48 PM IST

Updated : Nov 12, 2019, 7:51 PM IST

गढ़वाः सियासत में सदमे की मार क्या होती है, यह गढ़वा में देखने को मिला. झारखंड के विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से टिकट के दावेदार अजय दुबे को दरकिनार कर उनके पिता पूर्व मंत्री चन्द्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे को टिकट दे दिया गया. अजय दुबे इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए और उनकी मौत हो गई. बेटे की मौत के बाद अंतहीन दुख में ददई दुबे अब खुद के जीवन से खफा हैं. वह कहते हैं कि उन्हें भी अब नहीं जीना.

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2014 में हारने के बाद नहीं जीत पाए भरोसाअजय दुबे झारखंड कांग्रेस के बड़े लीडर ददई दुबे के तीन बेटों में सबसे बड़े थे. पिता से राजनीतिक का गुर सीखने वाले अजय को 2014 के चुनाव में विश्रामपुर से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया था. जिसमें उन्हें पराजय मिली थी. 2019 की चुनाव में फिर से कांग्रेस के सीरियस कैंडिडेट के रूप में अपनी जीत को सुनिश्चित मान रहे थे. पिता ददई दुबे ने भी उन्हें टिकट दिलाने के लिए एड़ी चोटी एक कर दिया. कांग्रेस की आंतरिक सर्वे के अनुसार विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से अजय के बजाय ददई दुबे की जीत सुनिश्चित दिख रही थी.

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कई राजनेता पहुंचे आवास
अजय दुबे का पार्थिव शरीर उनके गढ़वा स्थित आवास पर पहुंचा. सूचना पाकर ददई दुबे के चिरपरिचित राजनीतिक प्रतिद्वंदी मंत्री रामचन्द्र चन्द्रवंशी, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी, झामुमो केंद्रीय महासचिव मिथिलेश ठाकुर, भाजपा नेता अलखनाथ पांडेय, जदयू नेता डॉ पतंजलि केसरी सहित सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे.

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विडंबना देखिए एक तरफ देहरी पर खड़ी जीत रूपी कांग्रेस की टिकट और दूसरी ओर देहरी से बाहर निकलते बेटे की अंत्येष्ठी. इस घटना ने ददई दुबे को अंदर से झकझोर कर खोखला कर दिया. वह कहते हैं कि उनका बेटा अजय बहुत अच्छा था. पूरे जीवन में उसने किसी का बुरा नहीं किया. जाना था उन्हें लेकिन बेटा ही छोड़कर चला गया. अब वह भी चले ही जाएंगे. वहीं, रामचन्द्र चंद्रवंशी ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता अलग बात है लेकिन मानवता के नाते हम उनके साथ हैं.

Last Updated : Nov 12, 2019, 7:51 PM IST

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