गढ़वाः नक्सलियों के खात्मा के लिए पुलिस की संवेदनशीलता का मिसाल बुधवार को गढ़वा कोर्ट में दिखा. 20 वर्ष पहले एक नक्सली मुठभेड़ मामले में गवाही देने दिल्ली मुख्यालय में पदस्थापित सीआरपीएफ के आईजी एमएस भाटिया वहां पहुंचे. उस वक्त वह गढ़वा में एसपी के रूप में पदस्थापित थे.
नक्सलियों से हुई थी मुठभेड़
बता दें कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद एमएस भाटिया को गढ़वा का एसपी बनाया गया था. उस वक्त गांवों, जंगलों के साथ-साथ शहरों में भी नक्सलियों की तूती बोलती थी. समाज और प्रशासन में नक्सलियों का प्रभावकारी भय व्याप्त था. नक्सलियों के खिलाफ एमएस भाटिया ने न सिर्फ हिम्मत दिखाई थी बल्कि उनके मांद में घुसकर उन्हें नेस्तनाबूत करने का अभियान छेड़ दिया था. उसी दौरान रंका के सर्वदाहा जंगल में कार्रवाई करने गए एसपी एमएस भाटिया की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई थी, जिसमें एक बंकर ध्वस्त किया गया था. प्रसिद्ध ठाकुर सहित कई नक्सलियों को गोली लगी थी.
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बेटी की शादी रचाने वाला था नक्सली कमांडर
जिस समय पुलिस बल के साथ एसपी एमएस भाटिया सर्वदाह के जंगल में सर्च अभियान चला रहे थे. उसी वक्त नक्सली जोनल कमांडर प्रसिद्ध ठाकुर अपनी नक्सली बेटी सरिता की शादी एरिया कमांडर राहुल तिवारी से कराने का रश्म अदा कर रहा था. नक्सलियों को जब पुलिस के आने की सूचना मिली तो वे बंकर में घुसकर पुलिस पर फायरिंग करने लगे. इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी होने लगी. अपने को कमजोर पड़ता देख एक-एक कर नक्सली बंकर छोड़ भागने लगे. सरिता और राहुल की शादी नहीं हो सकी जबकि प्रसिद्ध स्वयं पुलिस की गोली से घायल हो गया था. बाद में इलाज के अभाव में प्रसिद्ध ठाकुर की मौत जंगल मे ही हो गई थी. उधर पुलिस ने नक्सलियों का बंकर ध्वस्त कर दिया था. पुलिस ने वहां से कई नक्सली समान, गोली आदि बरामद की थी.
सीआरपीएफ के आईजी एमएस भाटिया ने कहा कि वह सर्वदाहा जंगल मे हुए मुठभेड़ और बंकर ध्वस्त करने के मामले को लेकर गवाही देने आए हैं.