गढ़वा: जिले में धुरकी प्रखंड के धोबनी गांव में सर्प दंश के बाद एक आदिम जनजाति दंपति को अस्पताल के बजाय ओझा-गुनी के पास ले जाया गया. ओझा-गुनी ठीक करने का भरोसा देते रहे, जबकि दोनों की हालत तेजी से बिगड़ रही थी. जब स्थिति गंभीर हो गई तब ओझा-गुनी उन्हें जल्दी से हॉस्पिटल ले जाने की बात करने लगे. हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही दंपति ने दम तोड़ दिया.
गढ़वा: सांप काटने के बाद झाड़-फूंक में गंवाया समय, पति-पत्नी की हुई मौत - गढ़वा में अंधविश्वास में गई दंपति की जान
गढ़वा में सांप के काटने से दंपति की मौत हो गई. सांप काटने के बाद दोनों को ग्रामीणों ने अस्पताल के जगह झाड़-फूंक के लिए ओझा-गुनी के पास पहुंचा दिया, जहां दोनों की हालत बिगड़ गई. हालत बिगड़ने के बाद ओझा-गुनी ने उन्हें अस्पताल ले जाने को कहा, जहां रास्ते में दोनो की मौत हो गई.
बताया जा रहा है कि धोबनी गांव के 35 वर्षीय योगेश्वर कोरवा और उसकी पत्नी 30 वर्षीया सुनीता देवी रात्रि में खाना खाने के बाद जमीन पर सोए हुए थे. इसी दौरान उन्हें कुछ काटने का आभास हुआ. दोनों ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी. ग्रामीणों ने उसके घर के पास एक सांप को भी देखा, जिसके बाद दोनों को झाड़-फूंक के लिए ओझा-गुनी के पास ले गए. ओझा-गुनी ठीक करने का भरोसा देते रहे, हालात बिगड़ जाने के बाद ओझा-गुनी ने उन्हें अस्पताल ले जाने को कहा. इस दौरान रास्ते में ही दंपति ने दम तोड़ दिया.
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घटना की सूचना मिलने पर रक्सी पंचायत के मुखिया सत्यनारायण बैठा मृतकों के घर पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवार को राशन और सरकारी प्रावधान के अनुसार लाभ दिलाने का आश्वासन किया. दंपति के 5 मासूम बच्चे भी हैं, जिनका लालन-पालन करने वाला अब कोई नहीं बचा.