गढ़वा/रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विपक्ष पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के तीसरे चरण के लिए गढ़वा पहुंचे सीएम ने विपक्ष को फिर आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि अब गरीब-गुरबा को दस रुपए में धोती साड़ी मिलता है. लेकिन इनका बस चले तो तन ढकने का कपड़ा भी छीन लें.
उन्होंने कहा कि गांव मजबूत होगा तभी झारखंड मजबूत होगा. जुमलेबाजों को पहचानकर मुंहतोड़ जवाब देना है. राज्य को अलग करने के लिए चालीस साल संघर्ष करना पड़ा. सीएम ने मंच से लोगों से पूछा कि "हमारे बूढ़ा-बुजुर्ग को पेंशन मिलता है कि नहीं, हमारी विधवा महिलाओं को पेंशन मिलता है कि नहीं" सीएम ने कहा कि हम गांव के लिए गांव और शहर के लिए शहर की जरुरत वाली योजना पर काम कर रहे हैं.
अपने संबोधन के दौरान सीएम ने कहा कि जेपीएससी और जेएसएससी के स्तर पर अलग-अलग संवर्ग की 40 से 50 हजार नियुक्तियां की जानी है. इसकी प्रक्रिया चल रही है. नौकरी में हिस्सा लेने के लिए गरीब बच्चों को मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जाएगी. फिलहाल 400 से अधिक आदिम जनजाति के बच्चों को कोचिंग की सुविधा दी जा रही है. उन्होंने गुरुजी क्रेडिट कार्ड को लेकर कहा कि पढ़ने वाले छात्रों के लिए सरकार गारंटर बनेगी.
सीएम ने कहा कि नोटबंदी कर घर के सारे पैसे को बैंक में जमा करवा दिया. किसानों का ऋण माफ नहीं किया. किसान विरोधी कानून बनाने लगे. अपने व्यापारियों का अरबों-अरब रुपए माफ कर दिया. आज गैस के सिलेंडर 12 सौ रुपए में मिलता था. जब हमारी केंद्र में सरकार थी तो सिलेंडर 400 रुपए में मिलता था. इन लोगों ने राज्य कर्मचारियों का भी शोषण किया. उनके सामाजिक सुरक्षा की कोई चिंता नहीं की. इसलिए कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम लागू किया.
सीएम ने कहा कि गढ़वा के आसपास उग्रवाद एक बड़ी समस्या थी. इसी जिला से सटा बूढ़ा पहाड़ है. आपको बता दें कि विपक्ष के नेताओं को 30-40 साल तक क्यों नहीं गये. क्या सांप सूंघ गया था. ऐसा क्या हो गया कि आपका मुख्यमंत्री बूढ़ा पहाड़ में गया. वहां खाना खाया और उनके लिए योजना शुरु की. सीएम ने कहा कि उस इलाके में जहां अबतक कोई नहीं गया है, वहां जल्द जाएंगे. लेकिन विपक्ष के लोग यहां के खनिज संसाधनों को अपने व्यापारी साथियों पर लुटाने में लगे हैं. लेकिन हम अपना अधिकार नहीं छोड़ेंगे. बहुत जल्द मुख्यमंत्री ग्रामीण गाड़ी योजना का असर दिखेगा. उन बसों से बुजुर्ग, महिलाएं और छात्र मुफ्त में सफर करेंगे. अब सरकार इस काम में जुटी है कि कैसे गांव-गांव तक चौबीस घंटे बिजली आपर्ति की व्यवस्था बहाल हो. कार्यक्रम में मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मंत्री बादल पत्रलेख और मंत्री सत्यानंद भोक्ता भी मौजूद थे.