गढ़वाःजिले के रमना प्रखंड मुख्यालय इलाके में 11 अप्रैल को निकाले गए रामनवमी जुलूस में शामिल होने पर विधायक भानु प्रताप शाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इसमें कहा गया है कि विधायक डीजे एवं तलवार जैसे हथियार के साथ जुलूस में शामिल हुए थे. इस कारण कोविड-19 के नियम का उल्लंघन हुआ और सरकारी कार्यों को संपादित करने में बाधा उत्पन्न हुई.
रामनवमी जुलूस में शामिल विधायक भानु प्रताप पर केस, सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप - रामनवमी जुलूस गढ़वा
रमना प्रखंड में रामनवमी जुलूस में शामिल विधायक भानु प्रताप पर प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है. उन पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया गया है.
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बाद में विधायक भानु प्रताप शाही ने नगर उंटारी में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की झामुमो सरकार पर कई सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि रमना प्रखंड मुख्यालय में रामनवमी के दिन सूर्या क्लब को जुलूस निकालने से रोका गया, 11 अप्रैल को उसे मौखिक रूप से डीजे लगाकर जुलूस निकालने की अनुमति दी गई. जुलूस की तैयारी हो गई उसके बाद पुलिस ने सूर्य क्लब से जुड़े चार बच्चों को पकड़कर थाना में बैठा दिया. जबकि हिंदू समाज के बहुत सारे लोग सड़क पर इकट्ठे होकर विरोध कर रहे थे, उसी समय वह रांची से लौट रहे थे. उन्होंने स्थिति को अनुकूल नहीं देखा. इस कारण रूक कर लोगों को समझाया और जुलूस में शामिल होकर शांतिपूर्ण जुलूस संपन्न कराया.
विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि उन्होंने अपने स्तर पर विवाद को रोकने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने सरकार के निर्देश पर उनके खिलाफ एवं सूर्या क्लब के चार बच्चों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली. विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि सरकार इस तरह का प्रयास कर उनकी आवाज को दबाना चाहती है. यह प्रयास सरकार की विदाई में अंतिम कील साबित होगा. उन्होंने कहा कि सूर्या क्लब के चार बच्चों सहित सभी 21 लोगों के खिलाफ दर्ज फर्जी मामले को समाप्त नहीं किया गया तो भाजपा आंदोलन करेगी. पार्टी के बड़े नेता जल्दी ही इस पर निर्णय लेंगे.