गढ़वाः दुर्घटना में घायल और गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए जिले में शुरू की गई 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था चरमरा गई है. इमरजेंसी सेवा के लिए जिम्मेदार यह एंबुलेंस लोगों तक समय पर नहीं पहुंच पा रहीं हैं. ऐसी ही एक घटना सोमवार को बंशीधर अनुमंडल में घटी, एक घंटे विलम्ब से भी एंबुलेंस के नहीं पहुंचने पर मारपीट की घटना में अचेत हुई एक महिला को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाया गया, तब उसकी जान बची. सिविल सर्जन ने इस मामले की जांच करने की बात कही है.
एक घंटे इंतजार के बाद भी नहीं पहुंची 108 एंबुलेंस, गढ़वा में ठेले से घायल को लाना पड़ा अस्पताल - अहिरपुरवा गांव में पति पत्नी के बीच विवाद
गढ़वा में 108 एंबुलेंस व्यवस्था चरमरा गई है. बंशीधर अनुमंडल के अहिरपुरवा गांव में मारपीट की घटना में अचेत महिला को ले जाने के लिए एक घंटे बाद भी 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची. आखिरकार घायल को ठेले से अस्पताल पहुंचाया गया.
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बता दें कि बंशीधर अनुमंडल के अहिरपुरवा गांव में पति-पत्नी के बीच विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष के लोग मीटिंग कर रहे थे. इसी दौरान उनके बीच नोकझोंक होने लगी. कुछ देर बाद उनके बीच जमकर मारपीट शुरू हो गई. इस घटना में दोनों पक्षों के पांच लोग घायल हो गए, जिसमें वीरेंद्र राम की मां सोनपतिया देवी की हालत गंभीर हो गई.
इसके बाद 108 एंबुलेंस के लिए कॉल किया गया, किंतु कॉल सेंटर से एक घंटे बाद एंबुलेंस भेजने की बात कही गई. इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं पहुंची. इधर, अचेत पड़ी घायल महिला की स्थिति खराब होने लगी. कोई विकल्प नहीं दिखने पर उसे एक ठेले पर लादकर इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसका इलाज किया, तब जाकर उसकी जान बची.
इस संबंध में संपर्क करने पर सिविल सर्जन डॉ. कमलेश कुमार ने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी. दोषी पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, यह घोर लापरवाही है. इससे मरीज की जान जा सकती है. ऐसी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.