जमशेदपुर: गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स में काम कर रहे 1100 ठेका मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान वेतन नहीं मिला, जिससे नाराज होकर उन्होंने शुक्रवार को कंपनी गेट के सामने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है.
बता दें, कोरोना महामारी के दौर में केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का वेतन नहीं काटने का निर्देश दिया था, बावजूद इसके गोविंदपुर स्थित टाटा स्टील स्ट्रिप्स ने लॉकडाउन के दौरान 1100 मजदूरों का वेतन नहीं दिया है, जिसके कारण शुक्रवार को ठेका मजदूरों ने कम्पनी का मुख्य गेट तीन घंटे तक जाम रखा. साथ ही कंपनी प्रबंधक का पुतला भी जलाया.
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स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स लिमिटेड में काम कर रहे ठेका कर्मचारियों की मांग है कि लॉकडाउन के दौरान पेमेंट, वार्षिक छुट्टी का पैसा और ग्रेच्युटी का लाभ ठेकाकर्मी मजदूरों को अब तक नहीं मिल पाया है. जिसके कारण सैकड़ो मजदूरों ने कंपनी के मेन गेट के सामने प्लांट हेड विनीत अग्रवाल और असिस्टेंट जनरल मैनेजर स्वतंत्र पाठक का पुतला दहन फूंका.
प्रबंधक के खिलाफ की गई नारेबाजी
कंपनी प्रबंधक ने ठेका मजदूरों से पूर्व में बात करने की सहमति जताई थी, लेकिन टाटा स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी के पदाधिकारी ने जमशेदपुर के उप श्रमायुक्त द्वारा बुलाई गई त्रिपक्षीय वार्ता में भाग नहीं लिया और ना ही जिला प्रशासन और मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने आश्वासन को पूरा किया है, जिसे लेकर आक्रोशित ठेका मजदूरों ने उपश्रमायुक्त कार्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया और प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी की.
वहीं, छोटा गोविंदपुर स्थित स्टील व्हील्स लिमिटेड को जमशेदपुर उप श्रमायुक्त ने पत्र लिखकर कंपनी के अधिनस्थ संवेदकों के अधीन कार्य कर रहे 1100 ठेका कर्मचारियों को लॉकडाउन पीरियड का वेतन बुधवार 10 तारीख तक भुगतान करने का निर्देश दिया था, इसके बावजूद भी इनके वेतनमान भुगतान नहीं किए गए हैं.
कई बार हो चुका है आंदोलन
जमशेदपुर के गोविंदपुर स्थित स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स में ठेका मजदूरों को लॉकडाउन की अवधि के दौरान वेतनमान भुगतान नहीं किए जाने के दौरान ठेका मजदूरों की ओर से कंपनी हेड विनीत अग्रवाल के आवास का घेराव किया गया है. इसके बाद भी कंपनी की ओर से वेतनमान को लेकर अब तक सहमति नहीं बन पाई है.