जमशेदपुर:देश में कोरोना महामारी के चलते हर दिन होते जा रहे भयावह हालात से हम सब वाकिफ हैं. हालात पिछली बार भी खराब थे लेकिन दूसरी लहर में स्थिति काफी ज्यादा खराब है. ऐसे में खुद को बचाना और जिंदा रहना ही सबसे बड़ी चुनौती है. बेकाबू हालात में गर्भवती महिलाओं की चिंता और बढ़ गई है. गर्भवती महिलाओं को खुद को कोरोना संक्रमण से भी बचाना है और विशेष ख्याल भी रखना है. जमशेदपुर सदर अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रेमलता बताती हैं कि गर्भ ठहरने के बाद तीन माह सबसे सेंसेटिव होता है. इस दौरान महिलाओं को कोविड गाइडलाइन का पालन सख्ती से करने की जरूरत है. घर में भी मास्क लगाकर रहना है.
यह भी पढ़ें:ये 7 अभ्यास और 2 प्राणायाम के जरिये शरीर में बढ़ा सकते हैं ऑक्सीजन, कोरोना से लड़ने में मिलेगी मदद
खान-पान के रूटीन का पालन करना जरूरी
डॉ. प्रेमलता के मुताबिक प्रेग्नेंसी के दौरान खान-पान के रूटीन का पालन करना जरूरी है. डाइट में विटामिन को जरूरी शामिल करें. तेल, घी और मसालेदार खाने से परहेज करें. बुखार होने पर घबराएं नहीं और कोरोना के लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. पैरासिटामोल, विटामिन सी, फोलिक एसिड, जिंकोविट और बी कॉम्प्लेक्स दवा जरूर रखें. प्रेग्नेंसी के दौरान नॉन वेज खा सकती हैं. कोशिश करें कि हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें.
कोरोना संक्रमित होने पर क्या करें?
अब ऐसे में ये सवाल उठता है कि कोई गर्भवती महिला अगर कोरोना से संक्रमित हो जाती हैं तब वो क्या करें. डॉक्टर के मुताबिक कोरोना संक्रमित होने पर सामान्य नियमों का पालन करना होगा. महिलाएं सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें और किसी से नहीं मिलें. अगर घर में छोटे बच्चे हैं तो उनसे भी दूरी बनाकर रखें और उन्हें भी कमरे में न आने दें. डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें. काढ़ा और भांप भी लेते रहें. पल्स ऑक्सीमीटर रखें और ऑक्सीजन लेवल जांचते रहें. इस दौरान अगर किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. किसी भी तरह का तनाव नहीं लें और माहौल को खुशनुमा रखें.
यह भी पढ़ें:कोरोना काल में विटामिन सी वाले फलों की कीमत में भारी उछाल, 10 रुपए में मिल रहा एक नींबू
भूख नहीं लगती है तो क्या करें?
डॉ. प्रेमलता बताती हैं कि घर में कोई सदस्य अगर कोरोना पॉजिटिव है तो उसे गर्भवती महिला के संपर्क में न आने दें. उन्होंने बताया कि अगर भूख नहीं लगती है तो सप्लीमेंट गोलियां लें और प्रोटीन पाउडर दूध में मिलाकर पिएं. मौसम के अनुसार डाभ का पानी पिएं. डिहाइड्रेशन हो तो तुरंत ओआरएस लें और एक-दो घंटे में थोड़ा-थोड़ा फलों का जूस भी लेते रहें. अच्छी किताबें पढ़ सकती हैं और निगेटिव चीजों से दूरी बनाकर रखें.
कोरोना संक्रमित महिलाओं के लिए अलग डिलीवरी की व्यवस्था
डॉक्टर प्रेमलता ने बताया कि डिलीवरी के समय अगर मां कोरोना से संक्रमित रहती है तो विशेष ख्याल रखा जाता है. ऐसी महिलाओं के लिए अलग से व्यवस्था होती है. आइसोलेशन रूप में डिलीवरी कराई जाती है. डिलीवरी के बाद तुरंत बच्चे को आइसोलेट करते हैं. कुछ दिनों के बाद मां की जांच होती है. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मां को बच्चा देते हैं. ऐसी स्थिति में जब हाथ में कुछ नहीं हो तब बचाव ही जिंदगी है. कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है. सावधानी बरतें और खुशनुमा माहौल में रहें.