जमशेदपुर: देश में कोरोना महामारी को लेकर किए गए लॉकडाउन के दौरान जमशेदपुर के तकनीकी शिक्षण संस्थान के छात्रों की टोली ने आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक नई मशीन बनाई है, जिसके जरिए खिलौने, इंटीरियर डेकोरेटिंग की वस्तुओं को अपनी सोच के अनुरूप डिजाइन किया जा सकता है. कम कीमत पर बनने वाले प्रोडक्ट चीन निर्मित वस्तुओं से बेहतर और टिकाऊ भी होंगे. छात्रों की बनाई गई मशीन के घर-घर पहुंचने से लोग स्वरोजगार शुरू कर उत्पादन बढ़ाने में मददगार साबित होंगे.
जमशेदपुर के एनटीटीएफ आरडी टाटा तकनीकी शिक्षा संस्थान के 4 विद्यार्थियों ने मिसाल कायम की है. इन्होंने लॉकडाउन के समय को अवसर में बदला है. शेप शिफ्टर तकनीकी क्षेत्र के छात्रों ने तकनीक के आधार पर कम कीमत पर 3D प्रिंटर मशीन बनाई है. आमतौर पर इस तरह की मशीन की कीमत एक लाख के करीब होती है, लेकिन एनटीटीएफ के छात्रों ने 20 हजार 1 सौ रुपये में इसे बनाई है, जो पूरी तरह से स्वदेशी है.
मशीन चलाने के लिए सिर्फ एक आदमी की जरूरत
मशीन के जरिये अपनी सोच के अनुरूप डिजाइन और रंग को कम्प्यूटर से ग्राफिक्स तैयार करना पड़ता है, जिसके बाद कम्प्यूटर के कमांड पर 3 डी प्रिंटर मशीन काम करना शुरू कर देगी. बिजली से चलने वाली इस मशीन को ऑपरेट करने लिए सिर्फ एक व्यक्ति की जरूरत है. 2सौ डिग्री के तापमान पर रंग बिरंगे फिलामेंट से बनने वाली वस्तुओं में खिलौने, इंटीरियर डेकोरेटिंग का सामान, दीपक और अन्य चीजों को अपने जरूरत के आधार पर इस मशीन से बनाया जा सकता है.
स्वदेशी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का उद्देश्य
मशीन बनाने वाले छात्र रितिक और अभय ने बताया कि प्रधानमंत्री के स्वदेशी की विचारधारा को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से कम कीमत वाली इस मशीन को बनाया गया है, इस मशीन के जरिए घर बैठे उत्पादन कर आजीविका कमाई जा सकती है. वहीं मशीन बनाने में शामिल छात्र अभय ने बताया कि अपनी सोच की डिजाइन को कम्प्यूटर में डिजाइन करने के बाद मशीन से उसी अनुरूप प्रोडक्ट बनाया जाएगा, इस मशीन के जरिये युवा रोजगार प्राप्त कर सकते हैं.