घाटशिलाः झारखंड और बंगाल के सीमावर्ती पहाड़ी पर बसे घाटशिला के झांटीझरना और मिर्गीटांड गांव में ग्रामीणों के बीच बंगाल टाईगर को लेकर दहशत है. यह गांव सबसे अधिक पहाड़ियों के बीच बसा अकेला गांव है. गांव के आसपास तकरीबन आठ किमी की दूरी तक पहाड़ी और जंगल ही जंगल है. ऐसे में गांव में हमेशा जंगली जानवरों का भय बना रहता है. क्षेत्र में बंगाल टाईगर के आने की खबर से ग्रामीण काफी भयभीत हैं.
बाघ के खौफ से ले जाते हैं तीर-धनुष
गांव के जंगलों में बाघ के आने की खबर से गांव की हालात यह है कि ग्रामीण अपने-अपने बच्चों को घर से स्कूल अपने पारंपरिक हथियार तीर-धनुष लेकर पहुंचाते हैं. स्कूली बच्चे भी घर पर जो भी हथियार मिलता है उसे लेकर स्कूल आते है. टांगी, धीर-धनुष के साथ बच्चे एक साथ होकर स्कूल आना-जाना करते हैं. गांव के ग्रामीण हर दिन तीर धनूष लेकर स्कूल के आस पास ही रहते है . किसी जंगली जानवर से बच्चों को खतरा नहीं हो इसके लिए स्कूल के पास ही पहरेदारी करते हैं. इतना ही नहीं खौफ इतना है कि स्कूल में पढ़ाने आने वाले के मास्टर भी बंगाल टायगर से भयभीत हैं और मास्टर भी अपने मोटरसाईकिल में टांगी लेकर चलते है. स्कूल में भी वह अपने पास ही टांगी रखते हैं, ताकि किसी तरह का कोई जंगली जानवर से खतरा नहीं हो.
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हाथी और बाघ बराबर मचाते हैं आतंक
बता दें कि मृगीटांग गांव में दो दिन पहले ही हाथी का आतंक था, गांव के रवि टूडी का घर हाथी ने तोड़ दिया है. इससे पहले भी हाथी ने मृगीटांग स्कूल का दरवाजा तोड़ कर मध्यान भोजन खा लिया था और स्कूल को नुकसान पहुंचाया था. हाथी के साथ-साथ अब बंगाल टाईगर की खबर पर ग्रामीण काफी डरे और सहमे हैं. अब वह अपने साथ अपना पारंपरिक हथियार तीर-धनुष लेकर ही आना-जाना करते है. इस गांव के लोगों का जीवन यापन यहां से 20 किलोमीटर दूर घाटशिला और गालूडीह पर निर्भर करता है और यहां जाने के लिए ग्रामीणों को पैदल ही जंगल और पहाड़ी को पार करना पड़ता है, जिससे उन्हें भी हमेशा जंगली जानवरों और बाघ का डर बना रहता है.
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रेंजर कर रहे जागरूक
बंगाल टाईगर को लेकर वन विभाग भी पहाड़ी के आसपास के गांव में लगातार चेतावनी के साथ लोगों को जागरूक कर रहा है. वे ग्रामीणों को यह विश्वास दिलाने में लगे हैं कि वन विभाग बंगाल टाईगर को सुरक्षित बंगाल जंगल भेजने में लगा हुआ है. वन विभाग की टीम के साथ घाटशिला रेंजर दिनेश कुमार खुद ग्रामीणों को समझाने में जुटे हैं. स्कूल के बच्चों को तीर धनूष के साथ स्कूल आने-जाने की खबर पर भी वे मृगीटांग गांव पहुंचे और ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वन विभाग उनके साथ है. इसके साथ-साथ जंगली जानवर से बचने के लिये सुझाव भी दिए कि रात के समय अपने अपने घरों के सामने आग जलाकर रखें. वन विभाग के कर्मचारी माइक पर सायरन बजाकर भी बंगाल टाईगर को खदेड़ने का काम कर रहे हैं.