जमशेदपुरः जिले में 30 हजार बच्चे नशे की गिरफ्त में हैं. बाल मजदूरी मुक्ति संस्थान के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक10 वर्ष से लेकर 16 वर्ष के बच्चे इसमें शामिल हैं. 18 वर्ष के बच्चों में औसतन नशे की प्रवृति कम है.
बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के सर्वे के मुताबिक पूर्वी सिंहभूम में 30, 735 बच्चे नशे में शामिल हैं. 9 महीने के सर्वे के बाद बाल मजदूर मुक्ति सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने बताया पूर्वी सिंहभूम में नशा करने वाले बच्चें की संख्या सबसे ज्यादा है.
थानाक्षेत्र बच्चों की संख्या
⦁ मानगो- 4000
⦁ आजादनगर- 2000
⦁ उलीडीह- 1500
⦁ एमजीएम- 800
⦁ पटमदा- 200
⦁ जुगसलाई- 1500
⦁ साकची- 1800
⦁ सिदगोड़ा- 1300
⦁ सीतारामडेरा- 1900
⦁ टेल्को- 1700
⦁ गोविंदपुर- 1500
⦁ बिरसानगर- 1500
⦁ गोलमुरी- 1200
⦁ कदमा- 700
⦁ सोनारी- 115
ये सर्वे बाल मजदूर मुक्ति संस्थान के द्वारा 335 कार्यकर्ताओं के द्वारा कराए गए हैं. जिसमें 12 हजार से अधिक लोगों ने घरों में जाकर परिजनों के साथ आम नागरिकों से संपर्क किया गया है.
ये भी पढ़ें-जल संरक्षण योजना की हकीकत, हजारों लीटर पानी हर दिन हो रहे बर्बाद
49 तरह के नशे का पदार्थ
बच्चे पेट्रोल, शराब, गांजा, दवाएं, गोंद, डेंड्रॉइट, बियर, अफीम, ताड़ी जैसे पदार्थ का सेवन कर रहे हैं. नशे की जद में आने से युवा अपराध की तरफ बढ़ रहे हैं. चोरी, छिनतई जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. कोल्हान प्रमंडल में 73 हजार बच्चे नशे की जद में हैं. ऐसे में बच्चे अपराध की तरफ प्रवृत हो रहे हैं.
नशे की जद में आने वाले युवा अपने दोस्तों के प्रभाव में आने के कारण भी नशे में शामिल होते हैं. दिमाग को अच्छा रखने के लिए भी बच्चे नशे को स्वीकार कर रहे हैं. कुछ बच्चे बचपन में मिलने वाले दबाव को कम करने के कारण भी नशा करते हैं. कुछ निजी कारणों से भी लोग नशे की लत में जुट जाते हैं.