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अब पुलिस पेट्रोलिंग में कोताही बरतने वालों पर रहेगी नजरः एसएसपी

पूर्वी सिंहभूम जिले में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त किया जा रहा है. पुलिस पेट्रोलिंग नियमित हो. इसको लेकर क्यूआर कोड बेस्ड बीट पेट्रोलिंग सिस्टम (QR Based Beat Patrolling System) लागू किया गया है. एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि क्यूआर कोड के जरिए पेट्रोलिंग की पल पल की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलेगी.

police patrolling will be monitored
पुलिस पेट्रोलिंग में कोताही बरतने वालों पर रहेगी नज

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Published : Jan 6, 2023, 7:15 AM IST

जानकारी देते एसएसपी प्रभात कुमार

जमशेदपुरःशहर में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने की कवायद तेज की गई है. इसको लेकर क्यूआर बेस्ड बीट पेट्रोलिंग सिस्टम (QR Based Beat Patrolling System) लागू किया गया है, ताकि पेट्रोलिंग के दौरान कोई भी कोताही नहीं बरती जाए. एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया की इस सिस्टम के तहत जमशेदपुर सहित पूरे जिले में 1500 स्थलों को चिन्हित किया गया, जहां क्यूआर कोड लगाया गया है. इस क्यूआर कोड के जरिए पेट्रोलिंग की पल पल की जानकारी कंट्रोल रूम में मिलेगी.

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साकची सीसीआर कंट्रोल रूम में एसएसपी प्रभात कुमार ने क्यूआर बेस्ड ई बीट पेट्रोलिंग सिस्टम का उद्घाटन किया. अब जिले में स्मार्ट पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. फिलहाल साकची और बिष्टुपर थाना क्षेत्र में गुरुवार की रात से क्यूआर कोड बेस्ड पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है.

एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया की इस सिस्टम से पीसीआर वैन और टाइगर मोबाइल के जवान के साथ साथ गश्ती पर निकलने वाले सभी पुलिसकर्मी इस बार कोड को एक्सेस करेंगे. इससे कंट्रोल रूम के साथ साथ वरीय अधिकारियों को पता रहेगा कि कौन सी गाड़ी कहां गश्ती कर रही है और कौन पुलिसकर्मी गश्ती पर है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे में कितनी जगह और कितनी बार गश्ती हुई है. इसके साथ ही कौन सा इलाका ऐसा है, जहां गश्ती टीम नहीं पहुंची है. इसकी जानकारी पुलिस के वरीय अधिकारियों को मिलेगी.

एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि सिटी एसपी और एएसपी के साथ साथ सभी पुलिस अधिकारी कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे और पेट्रोलिंग टीम की निगरानी करेंगे. उन्होंने बताया कि अभी देश के किसी भी जिले में ऐसी व्यवस्था नहीं है. पहली बार यह व्यवस्था जमशेदपुर में लागू की जा रही है. उन्होंने बताया कि पीसीआर की 30 बड़ी गाड़ियां हैं. इसके अलावा हाईवे पेट्रोलिंग है. 50 टाइगर मोबाइल गश्ती करते हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस की सभी गाड़ियों में जीपीएस सिस्टम लगा है, जिससे पता चलेगा कि कौन सी गाड़ी कितनी देर से कहां खड़ी है. अगर कोई गाड़ी आधे घंटे से अधिक एक जगह पर खड़ी है तो पता लगाया जाएगा कि वहां गाड़ी क्यों खड़ी है.

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