सरयू राय, निर्दलीय विधायक जमशेदपुर:10 मई को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ झारखंड पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बैठक भी की. इसके बाद दौरान दोनों ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस भी की और फिर नीतीश कुमार वापस पटना लौट गए. यूं तो नीतीश कुमार का झारखंड दौरा पूरी तरह से राजनीतिक था. वे बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के मकसद से सीएम हेमंत सोरेन से मिलने आए थे. लेकिन ये पहली बार हुआ की वे रांची आए और अपने पुराने दोस्त सरयू राय से नहीं मिले.
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नीतीश कुमार के झारखंड दौरे को लेकर पूर्वी जमशेदपुर के विधायक सरयू राय ने कहा कि आमतौर पर वे जब भी आने वाले होते हैं तो उन्हें पहले ही सूचना दे देते हैं. इसके बाद वे उसी कार्यक्रम के रांची जाकर नीतीश कुमार से मुलाकात कर लेते थे. हालांकि इस बार वैसे नहीं हुआ. नीतीश कुमार के विपक्ष को एकजुट करने के प्रसास पर भी सरयू राय ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि इस तरह का पहला प्रयास नहीं किया गया है. इससे पहले भी 1964-65 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय और राम मनोहर लोहिया ने भी मिलकर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा बनाया था. मगर मोर्चा मजबूत होते कई दशक लग गए.
सरयू राय ने कहा कि नीतीश कुमार जो भारतीय राजनीति में जो प्रयास कर रहे हैं उसकी सराहना की जानी चाहिए. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इसमे वे कितना सफल होते हैं यह आने वाले समय में ही पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अधिकार है वे अपने विचार के अनुसार अपने खेमा को खड़ा करे. वे प्रयास कर रहे हैं और प्रयास करने वाले व्यक्ति को हतोत्साहित नहीं करना चाहिए.