जमशेदपुरःझारखंड दिशोम पार्टी (Jharkhand Disom Party) के संस्थापक सह आदिवासी सेंगेल अभियान (adivasi sengel abhiyan) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने रूपा तिर्की के संदिग्ध मौत पर राज्यपाल से सीबीआई जांच की मांग की है. इस संदर्भ में सालखन मुर्मू ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है.
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रूपा तिर्की के मामले को संज्ञान में लेना जरूरी
जमशेदपुर के कदमा में रहने वाले पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष झारखंड दिशोम पार्टी के संस्थापक सालखन मुर्मू ने महिला पुलिस अफसर रूपा तिर्की के संदिग्ध अवस्था में मौत पर झारखंड के राज्यपाल से सीबीआई जांच की मांग की है. राज्यपाल को भेजे गए पत्र के माध्यम से सालखन मुर्मू ने लिखा कि झारखंड प्रदेश के अधिकांश जिलों में अनुसूचित क्षेत्र विद्यमान हैं. यहां पांचवीं अनुसूची के तहत अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के लिए शांति और सुशासन (Peace and Good Government - Article 244 (1), part B, 5 (2) के आलोक में रूपा तिर्की के मामले को संज्ञान में लेना जरूरी है. उन्होंने लिखा कि रूपा तिर्की एक आदिवासी महिला थीं. जो पुलिस अफसर थीं. 3 मई 2021 के दिन साहिबगंज में उनकी संदिग्ध अवस्था में मौत हुई. यह घटना पूरे झारखंड की जनमानस के लिए दुख, चिंता और संदेह का मामला बना हुआ है.
झारखंड सरकार मामले में गंभीर नहीं
आम जनता, सामाजिक- राजनीतिक संगठन रूपा तिर्की को न्याय देने और सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. लेकिन झारखंड सरकार इस गंभीर मामले पर चुप्पी साधकर पूरे मामले को किसी षड्यंत्र के तहत रफा दफा करने की कोशिश में है. उन्होंने लिखा कि रूपा तिर्की के मामले पर उनके परिजनों ने हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा दिया. उन्होंने बताया कि आरोप है कि कोई पंकज मिश्रा जो बारहेट विधानसभा में विधायक हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि भी हैं, उनके दबाव में मामले को भटकाया जा रहा है.
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सीबीआई जांच की मांग
सालखन मुर्मू ने राज्यपाल से अपील की कि रूपा तिर्की के संदिग्ध अवस्था में मौत का मामला झारखंड के शांति और सुशासन को प्रभावित करता है. आपसे हमारा सविनय निवेदन है कि इसके सीबीआई जांच का रास्ता तुरंत प्रशस्त किया जाए.
झारखंड सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
सालखन मुर्मू ने बताया है कि रूपा तिर्की के पहले 12 जून 2020 में साहिबगंज जिला के भोगनाडीह में महान वीर शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध अवस्था में मौत मामले पर भी झारखंड सरकार ने ठगने का काम किया था. हेमंत सरकार रूपा तिर्की और उपरोक्त अन्य मामलों पर विफल है और जनविरोधी और संविधान विरोधी कार्य कर रही है. उन्होंने बताया है कि आदिवासी सेंगेल अभियान और अन्य अनेक जनसंगठन 7 जून को झारखंड,प. बंगाल, ओडिशा, असम और बिहार के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में झारखंड सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य हैं.