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लॉकडाउन के दौरान समय का सदुपयोग करती रूपा झा, बनाया मिथिला पेंटिंग - लॉकडाउन में रूपा झा ने बनाया मिथिला पेंटिंग

जमशेदपुर में लॉकडाउन के दौरान समय का सदुपयोग करते हुए रुपा झा ने मिथिला पेटिंग बनाई. इसकी खास बात ये है कि रूपा ने यह पेंटिंग बेचने के लिए नहीं, बल्कि अपनी संतुष्टि के लिए बनाई है.

rupa jha made mithila painting  in lockdown period in jamshedpur
मिथिला पेंटिंग में कलाकार और वर्दी पेंटिंग

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Published : Nov 7, 2020, 4:02 PM IST

जमशेदपुर:कोरोना वायरस के सक्रंमण को रोकने के लिए सरकार ने लाॅकडाउन किया. हालांकि, अब अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है. धीरे-धीरे सभी चीजें समान्य हो रही हैं. वहीं, लॉकडाउन के दौरान घरों में कई लोगों ने इस खाली समय का कुछ न कुछ सदुपयोग किया. उन्हीं में से एक ट्यूब बारीडीह के रहने वाली रूपा झा हैं. जिन्होंने अपने पति की मदद से अपने बचपन के सीखे पेंटिंग को लाॅकडाउन में तराशा और एक से बढ़कर एक पेटिंग बनाई.

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मिथिला पेंटिंग में कलाकार

बारीडीह की रहने वाली रूपा झा ने लाॅकडाउन के काल से ही पेंटिंग बनाई. इस दोरान उन्होंने मिथिला पेटिंग से लेकर अन्य पेटिंग को अपने हाथों से तराशा. पूजा में तो दुर्गा के नौ रूपों को भी बनाया. वहीं, अब वह लक्ष्मी-गणेश के साथ छठ मइया की तस्वीर भी बना रही हैं. इनकी पेंटिंग में खासियत यह है कि मिथिला पेंटिंग और वर्ली पेंटिंग दोनों को मिलाकर बनाया है. जिससे इनके बनाए पेटिंग देखने में काफी खूबसूरत लग रहा है.

बचपन में सीखा था पेंटिंग
सबसे बड़ी ये है कि रूपा यह पेंटिंग बेचने के लिए नहीं बल्कि अपनी संतुष्टि के लिए बना रही है. इस सबंध में रूपा झा ने बताया कि वह बचपन से ही पेंटिंग करने का शौक रखती है. इस दौरान उसने मिथिला पेंटिंग भी सीखा था, लेकिन बचपन का सीखा काम लाॅकडाउन में काम आया. उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक मिथिला पेंटिंग को बनाया. उन्होंने बताया कि पूजा में मां दुर्गा के नौ रूपों को बनाया है और यही नहीं अब काली पूजा और दीपावली भी आ रही है. तो लक्ष्मी, गणेश और छठी मइया की तस्वीर बना रही है. उन्होंने बताया कि इस कार्य का श्रेय उसके पति को जाता है. उन्होंने ही मुझे इस कार्य के लिए प्रेरित किया है.


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पत्नी को किया प्रेरित
पेशे से शिक्षक के साथ-साथ शहर में साहित्य में अलग पहचान रखने वाले रूपा झा के पति आशुतोष झा कहते है कि लाॅकडाउन के समय देखा कि घरों में मानसिक और नकारात्मक विचार ज्यादा आ रहे थे. अपने विचारों को सकारात्मक करने के उद्देश्य से हमने पत्नी को अपनी सीखी हुई कला को ऊकेरने के लिए प्रेरित किया. उसके बाद कहा पेंटिंग में कुछ नया रूप दो. इसके बाद उन्होंने अपने पत्नी को कहा कि मिथिला पेटिंग को कलमकारी और वर्ली आर्ट को जोड़कर कुछ नया करने को कहा. वहीं उसका नतीजा काफी अच्छा रहा. इसमें उनकी पत्नी ने कुछ सोशल साइट की भी मदद ली है.

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