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राज्यसभा हार्स ट्रेडिंग मामले में रघुवर दास का आरोप, कहा- झारखंड सरकार विद्वेष और बदले की कर रही राजनीति - रघुवर दास

राज्यसभा चुनाव 2016 में हार्स ट्रेडिंग मामले में रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीसी एक्ट) यानी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं भी जुड़ेंगी. इसमें अनुराग गुप्ता और अजय कुमार को प्राथमिक अभियुक्त माना गया है, जबकि रघुवर दास को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है. इस मामले को लेकर रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया है.

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रघुवर दास

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Published : May 26, 2021, 3:17 PM IST

जमशेदपुर: साल 2016 राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, निलंबित एडीजी अनुराग गुप्ता और पूर्व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत मामला चलेगा. राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में चुनाव को प्रभावित करने के मामले में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 7 और 13 (1) (डी) और 13 (2) व आईपीसी 120 (बी) के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसे लेकर रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है.

इसे भी पढे़ं: राज्यसभा हार्स ट्रेडिंग मामला: सीएम रघुवर दास, एडीजी अनुराग गुप्ता और अजय कुमार की बढ़ी मुसीबतें, PC एक्ट के तहत चलेगा केस

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि मीडिया के माध्यम से खबर मिली है, कि झारखंड सरकार छह साल पुराने राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में नई धाराएं जोड़कर मुझे भी इसमें शामिल करने का प्रयास कर रही है, अगर ऐसा है तो इस निर्णय का मैं स्वागत करता हूं. रघुवर दास ने कहा कि पिछले लगभग चार साल से मामले की जांच चल रही है, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिल पाया, मामले को जीवित रखने के लिए सरकार के इशारे पर कुछ काबिल अधिकारियों ने इसमें नई धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया है, झारखंड में पहली बार विद्वेष और बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है, लेकिन किसी को यह भूलना नहीं चाहिए कि यहां कुछ भी शाश्वत नहीं है, यह 2024 की तैयारी है.

हेमंत सरकार कर रही 2024 की तैयारी: पूर्व मुख्यमंत्री

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन चुनाव तक यह मामला खींचना चाहते हैं, जो अधिकारी यह सोच रहे हैं कि अभी गंदगी फैला लेंगे और 2024 तक रिटारमेंट के बाद आराम की जिंदगी गुजारेंगे, तो यह उनकी भूल है, सभी की जिम्मेदारी तय की जाएगी, गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें, सरकार और उनके काबिल अधिकारियों से यह आग्रह है कि कानून की किताब से और जितनी तरह की धाराएं इस मामले में जोड़ी जा सकती है, उसे जोड़कर लगा लें, मैं डरनेवाले लोगों में नहीं हूं, मेरा जीवन खुली किताब है, जो चाहे इसे पढ़ सकता है.

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