जमशेदपुर:लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार मानसून सत्र में विधेयक लाएगी. इसे लेकर जिले के हर वर्ग के लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. केंद्र सरकार की ओर से लड़कियों की शादी की उम्र से संबंधित प्रस्ताव मानसून सत्र के दौरान संसद के पटल पर रखने का प्रस्ताव हुआ है. इस संबंध में साहिबगंज के हर वर्ग के लोग, जिसमें अभिभावक, गृहणी, छात्रा, स्वास्थ्य सहिया, शिक्षक और प्रोफेसर ने आने वाले विधेयक का स्वागत किया है.
लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर लोगों की राय घरेलू हिंसा से मिलेगा निजात स्थानीय लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार की नई विधेयक स्वागत योग्य है. उनका कहना है कि 21 साल की उम्र तक लड़कियां कम से कम बीए पास कर जाएगी और उसमें परिपक्वता आ जाएगी. 18 साल की उम्र तक लड़कियों को अच्छे-बुरे की परख नहीं हो पाती है और घरेलू हिंसा की शिकार हो जाती थी. एक छात्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. कम उम्र में शादी करने से जच्चा-बच्चा दोनों कमजोर हो जाते हैं. कई बार जच्चे-बच्चे की मौत भी हो जाती है. यही वजह है कि शिशु मृत्यु दर भारत वर्ष में अधिक होता है. इस विधेयक के पास होने से जनसंख्या में भी कमी आएगी और विवाहित लड़कियों को अच्छे-बुरे का ज्ञान भी हो जाएगा और घरेलू हिंसा से खूद को बचाने में समर्थ होगी.
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कैंसर जैसी बीमारी से मिलेगा निजात
स्वास्थ्य सहिया ने कहा कि 18 साल तक शादी करने पर लड़कियां कम उम्र में मां बन जाती है, जिससे नवजात शिशु भी स्वस्थ्य नहीं रहता है और प्रसूता के बच्चेदानी में कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन 21 साल तक शादी की उम्र होने पर लड़कियां शारीरिक रूप से परिपक्व हो जाएगी. वहीं, शिक्षकों का कहना है कि 18 साल की उम्र तक लड़कियां ठीक से शिक्षा भी ग्रहण नहीं पाती हैं. अपने लक्ष्य के नजदीक आत-आते उनका शादी हो जाती है और शादी के बाद अपने पति पर निर्भर रहती हैं. केंद्र सरकार शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 करने की विधेयक जो लाने जा रही है, तारीफ-ए-काबिल है.
जनसंख्या नियंत्रण में भी मिलेगा मदद
शिक्षकों ने कहा कि 21 साल की उम्र तक लड़कियां लगभग उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाएगी. उसके बाद नौकरी पाना भी आसान होगा. अगर उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद शादी होता है तो, इसका अच्छा प्रभाव आने वाले उनके वंशज को मिलेगा. उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद घरेलू हिंसा से डटकर मुकाबला कर समाधान कर सकती है. आज के दौर में बड़े घर की लड़कियां नौकरी करती है और मध्यम वर्ग की लड़कियां इससे कोसों दूर हैं. वजह अभिभावक कम उम्र में शादी कर देते है. हर वर्ग के लोगों ने केंद्र सरकार के इस विधेयक का स्वागत किया है. यह भारतीय इतिहास में एक बड़ा बदलाव है. समय के अनुसार देखते हुए यह जरूरी है कि इस विधेयक के लागू होने से जनसंख्या नियंत्रण में भी मदद मिलेगा.