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लौहनगरी में सिखों ने निकाला आक्रोश मार्च, कहा- वजीर-ए-आजम इमरान खान कट्टरपंथियों पर लगाम लगाएं - श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर कट्टरपंथियों के समूह की ओर से पत्थरबाजी के विरोध में प्रदर्शन

जमशेदपुर में सिख समुदाय के लोगों ने श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर कट्टरपंथियों के समूह की ओर से पत्थरबाजी करने के विरोध में आक्रोश मार्च निकाला. लोगों ने पाकिस्तान के कट्टरपंथियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और पथिक निशान थाम रखे थे.

लौहनगरी में सिखों ने निकाला आक्रोश मार्च, कहा- वजीर-ए-आजम इमरान खान कट्टरपंथियों पर लगाम लगाएं
प्रदर्शन करते लोग

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Published : Jan 4, 2020, 7:39 PM IST

जमशेदपुरः श्री गुरु नानक देव जी की जन्मस्थली पाकिस्तान स्थित श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर कट्टरपंथियों के समूह की ओर से पत्थरबाजी करने के विरोध में लौहनगरी में सिख समुदाय ने आक्रोश मार्च निकाला. इस दौरान लोगों ने कट्टरपंथियों के विरोध में जमकर नारेबीजी की. श्री हरिमंदिर साहिब पटना प्रबंधन कमेटी के उपाध्यक्ष सरदार इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में साकची गुरुद्वारा साहिब से आक्रोश मार्च साकची गोलचक्कर होते हुए जिला समाहरणालय पहुंचा. इस दौरान लोगों ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और पथिक निशान थाम रखे थे.

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दो अलग-अलग ज्ञापन

सिख समुदाय के प्रतिनिधिमंडल ने जिला उपायुक्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान के नाम संबोधित दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपे. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया गया कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी पाकिस्तान सरकार से लें. ज्ञापन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि अल्पसंख्यक के धार्मिकस, भाषाएं, शैक्षिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक अधिकारों की गारंटी को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासभा की ओर से 18 दिसंबर 1992 को पारित प्रस्ताव 47/135, आठ अप्रैल 1950 में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जनाब लियाकत अली खान के बीच हुए समझौते का सम्मान करते हुए पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समूहों को सुरक्षा की गारंटी प्रदान करें. इसके साथ ही ननकाना साहिब पर पत्थरबाजी करने वाले, सिखों को पाकिस्तान से भगा देने वाले, ननकाना साहिब का नाम बदलकर गुलाम मुस्तफा अली करने की धमकी देने वाले समूहों के नेता के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें और पाकिस्तान में लोगों को सिख पंथ संबंधी जागरूकता अभियान चलाएं.

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