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जमशेदुपर में तेजी से बढ़े रहे पेट्रोल-डीजल के दाम, जनता बेहाल - पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत पर जमशेदपुर के लोगों की राय

जमशेदपुर में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 88.03 रुपए और डीजल की कीमत 85.53 रुपए लीटर पहुंच गई है. इसे लेकर जमशेदपुर के अर्थशास्त्रियों ने अपनी राय दी है.

Jamshedpur economists opinion on rising prices of petrol and diesel
पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोतरी

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Published : Feb 22, 2021, 4:31 PM IST

Updated : Feb 22, 2021, 4:48 PM IST

जमशेदपुर: झारखंड समेत पूरे देश में लगातर पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रहीं हैं. जमशेदपुर में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 88.03 रुपए और डीजल की कीमत 85.53 रुपए लीटर पहुंच गई है. इसे लेकर जमशेदपुर के नागरिकों ने अपनी राय दी है.

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अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लॉकडाउन ने पहले ही आम जनता की कमर तोड़ दी है. आम जनजीवन पटरी पर आया भी नहीं और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. ऐसे में मिडिल क्लास परिवार कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है.

केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने की कवायद लाई गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर यह नदारत रहा. केंद्र सरकार की ओर से बार-बार यह यह बात कही जाती रही है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती है, लेकिन भारत सरकार की ओर से नेपाल और भूटान में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई कम कीमत पर की जाती है.

लगातार बढ़ोतरी

अर्थशास्त्रियों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पूरी तरह अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है. खाद्यान्न सामग्री हो या फिर ट्रांसपोर्ट बढ़ती महंगाई के कारण इन सभी के दामों में उछाल आ जाता है. केंद्र सरकार को इस पर कंट्रोल करना चाहिए. सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की ओर से यह भी दर्शाया जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल और गैस की महंगाई के कारण जो पैसा सरकार को मिल रहा है, उसे जनता के कल्याण के लिए उपयोग किया जा रहा है.

भाजपा की ओर से चुनावी घोषणा-पत्र में महंगाई को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रहीं थी, लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

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केंद्र सरकार पर फोड़ा ठीकरा

झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का कहना है कि राज्य सरकार के पास है क्या. राज्य को वैट और एक्साइज से ही आमदनी होती है, बाकी तो जीएसटी के दायरे में चला जाता है. पूर्व की सरकार ने इस राज्य का खजाना पूरी तरह से खाली कर दिया है. केंद्र सरकार जीएसटी का पैसा देने में भी आनाकानी कर रही है. ऐसे में वैट की कटौती संभव नहीं. उन्होंने जयंत सिन्हा पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि पेट्रोल की कीमत कैसे नियंत्रित होती है, उन्हें फिर से पढ़ने की जरूरत है.

राज्य सरकार के पाले में गेंद

भाजपा सांसद सह वित्त संबंधी संसदीय स्थाई समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने ईटीवी भारत से कहा कि फ्यूल की कीमतें इंटरनेशनल मार्केट पर आधारित हैं. इसमें राज्य सरकार चाहे तो लोगों को रियायत दे सकती है. भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि जिस तरह से सरकार ने शराब पर से टैक्स को हटा दिया है. उसी तरह जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर भी वैट में कमी लानी चाहिए.

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झारखंड में जोड़ा जाता है 22 प्रतिशत वैट

जानकारों की मानें तो कोरोना के बाद अब एक बार फिर से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं, जिससे कच्चे तेल का भाव लगातार बढ़ रहा है. इसके साथ ही विदेशी मुद्रा की दरें भी बड़ी वजह है. बीते साल पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपए थी, जो अब 32.98 रुपए हो चुकी है. इसी तरह डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 15.83 रुपए से बढ़ाकर 31.83 रुपए प्रति लीटर कर दी गई. इसके अलावा है. केंद्र के बाद राज्य सरकार वैट लगाती है. झारखंड में 22 प्रतिशत वैट जोड़ा जाता है. इसके अलावा एक रुपए प्रति लीटर सेस भी लिया जाता है.

Last Updated : Feb 22, 2021, 4:48 PM IST

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