जमशेदपुर: झारखंड समेत पूरे देश में लगातर पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ रहीं हैं. जमशेदपुर में सोमवार को पेट्रोल की कीमत 88.03 रुपए और डीजल की कीमत 85.53 रुपए लीटर पहुंच गई है. इसे लेकर जमशेदपुर के नागरिकों ने अपनी राय दी है.
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अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लॉकडाउन ने पहले ही आम जनता की कमर तोड़ दी है. आम जनजीवन पटरी पर आया भी नहीं और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है. ऐसे में मिडिल क्लास परिवार कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है.
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने की कवायद लाई गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर यह नदारत रहा. केंद्र सरकार की ओर से बार-बार यह यह बात कही जाती रही है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती है, लेकिन भारत सरकार की ओर से नेपाल और भूटान में पेट्रोल-डीजल की सप्लाई कम कीमत पर की जाती है.
लगातार बढ़ोतरी
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पूरी तरह अर्थव्यवस्था पर निर्भर करता है. खाद्यान्न सामग्री हो या फिर ट्रांसपोर्ट बढ़ती महंगाई के कारण इन सभी के दामों में उछाल आ जाता है. केंद्र सरकार को इस पर कंट्रोल करना चाहिए. सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की ओर से यह भी दर्शाया जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल और गैस की महंगाई के कारण जो पैसा सरकार को मिल रहा है, उसे जनता के कल्याण के लिए उपयोग किया जा रहा है.
भाजपा की ओर से चुनावी घोषणा-पत्र में महंगाई को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रहीं थी, लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
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