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कोल्हान प्रमंडल के संताल बहुल गांवों में जाहेरडांगरी पूजा की चल रही तैयारी, दो दिसंबर से होगी विशेष पूजा की शुरुआत

कोल्हान प्रमंडल के आदिवासी बहुल गांवों में इन दिनों जाहेरडांगरी पूजा की तैयारी चल रही (Preparation Of Jaherdangri Puja In Ghatshila) है. दो दिसंबर से इलाके में इस विशेष पूजा की शुरुआत होगी.

Preparation Of Jaherdangri Puja
Preparation Of Jaherdangri Puja

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Published : Dec 1, 2022, 4:39 PM IST

घाटशिलाः कोल्हान प्रमंडल के आदिवासी बहुल क्षेत्र में दो दिसंबर से जाहेरडांगरी पूजा का आयोजन इलाके के गांवों में किया (Jaherdangri Puja Will Start From 2nd December) जाएगा. यह आयोजन पूरे दिसंबर भर चलेगा. इसको लेकर आदिवासी समुदाय के लोगों में उल्लास है. ग्रामीण पूजा की तैयारियों में जोर-शोर से जुटे हुए हैं.

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हर पांच वर्ष के अंतराल पर यह विशेष पूजा की जाती हैः पौष पूर्णिमा के अंतिम दिनों में आदिवासियों के संताल समुदाय की विशेष पूजा जाहेरडांगरी की शुरुआत होने वाली है. हर पांच वर्ष के अंतराल पर इस विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है. जिसे संथाली भाषा में जाहेरडांगरी के नाम से जाना जाता है. हालांकि कुछ इलाकों में यह मांमोडे के नाम से भी जाना जाता है.

पूजा से पारिवारिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती हैः इस संबंध में सोदाह मौजा के मांझी बाबा दिलीप हेंब्रम ने कहा कि पूर्वजों के अनुसार संताल समुदाय के लोग रोजगार के लिए परिवार के सदस्यों और घर से दूर रहते थे. इसलिए पारिवारिक संबंधों में प्रगाढ़ता और एकता कायम रखने के लिए इस पूजा की शुरुआत की गई थी. इस पूजा में जाहेरथान में बलि चढ़ाने की प्रथा है. अलग-अलग इलाकों के ग्रामीण अपनी सुविधा के अनुसार पूजा की तिथि तय करते हैं.

बेटी-दामाद, बहनों और रिश्तेदारों को भेजा जाता है पूजा में निमंत्रणःइस संबंध में ग्रामीण सुभाष मुर्मू ने बताया कि सभी ग्रामीण अपनी बेटी, दामाद और बहनों के साथ-साथ रिश्तेदारों को जाहेरडांगरी के लिए विशेष रूप से आमंत्रित करते हैं. विशेषकर पूजा के बाद मांस का व्यंजन तैयार कर सभी लोग सामूहिक रूप से ग्रहण करते हैं. वहीं पेय पदार्थ में हंड़िया का भी विशेष इंतजाम किया जाती है. पूजा के बाद सभी लोग रात भर नाचते-गाते हैं और खुशियां मनाते हैं.

कब कहां होगी जाहेरडांगरी पूजा
तारीख स्थान

2-3 दिसंबर - पाटाकोचा (राजनगर)
3-4 दिसंबर - लुपुंग (जमशेदपुर)
4-5 दिसंबर - जामशोल (मुसाबनी)
6-7 दिसंबर - जामडीह (राजनगर)
7-8 दिसंबर - बुरसा, गामदेसाई (राजनगर), तेरेंगा (मुसाबनी)
8-9 दिसंबर - देवघर (जमशेदपुर)
9-10 दिसंबर - पाथरचाकड़ी (नरवा)
10-11 दिसंबर - कुमड़ाशोल, जुरगाड़िया (राजनगर)
एदेलडीह, कोवाली, किस्टोनगर (पोटका)
11-12 दिसंबर - कीनुडीह (जमशेदपुर)
कुलडीहा, बाड़ेडीह (पोटका)
13-14 दिसंबर - सोरोकचिड़ा, हेसेलगुटू (पोटका)
16-17 दिसंबर - काचा (जमशेदपुर)
जाटा, सोनापूस (राजनगर)
मानहाड़ा, कोरसे काशीडीह, कांटासोना (पोटका)
जामजोड़ा, तिरला बालीडीह (गम्हरिया)
17-18 दिसंबर - बालीजुड़ी, शिलांग (पोटका)
पोंडेहासा, भुडरुडीह (जमशेदपुर)
काशिदा, रामपुर (राजनगर)
उकाम, सालुडीह, बोनडीह (गम्हरिया)

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