जमशेदपुर: चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्टार्टर सिगनल के पास मिले शव की पहचान कर रेल पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर लिया है. रेल एसपी ने बताया कि प्रेमिका अपने पति और भाई के साथ मिलकर प्रेमी की हत्या कर सबूत छुपाने के लिए शव को पटरी पर फेंक दिया था (police arrested accused of murder in jamshedpur). इस मामले में तीनों आरोपियों में प्रेमिका, उसका पति और उसके के भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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क्या है पूरा मामला:जमशेदपुर रेल अधीक्षक कार्यालय में मामले का खुलासा करते हुए रेल एसपी ऋषभ कुमार झा (Rail SP Rishab Kumar Jha) ने बताया कि 16 अक्टूबर को चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के स्टार्टर सिग्नल के पास मालगाड़ी के चालक ने पटरी पर पड़े एक व्यक्ति का शव देख ट्रेन को कुछ दूरी पर रोक दिया और स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी. सूचना मिलते ही रेल थाना पुलिस के साथ स्टेशन मास्टर घटनास्थल पहुंचे और मृतक की पहचान की गई. इसमें पता चला कि वह सोनुआ का रहने वाला था. एसपी ने बताया कि मृतक के गले पर निशान पाए गए, जिससे प्रतीत होता है कि उसकी हत्या गला दबाकर की गई है. इस मामले की जानकारी मृतक के परिजनों को दी गई.
गला दबाकर की गई हत्या: मामले की जांच के दौरान पता चला कि मृतक की प्रेमिका ज्योति सुरीन ने अपने पति सत्यपाल सुरीन और भाई टेकलाल नायक के साथ मिलकर नायलॉन की रस्सी से अपने प्रेमी बैधलोचन का गला दबाकर हत्या कर दी. फिर शव को रेल पटरी पर रख दिया. इस मामले में हुई कार्रवाई में हत्या में इस्तेमाल नायलॉन की रस्सी, काला प्लास्टिक, मृतक का मोबाइल और स्कूटी बरामद किया गया है.
आरोपी और मृतक में अवैध संबंध: एसपी ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि बैधलोचन प्रधान और ज्योति सुरीन के बीच 10 साल से अवैध संबंध था. पिछले साल बैधलोचन दूसरी लड़की से शादी कर ली थी, जिसके कारण ज्योति गुस्से में थी. बावजूद इसके बैधलोचन अपनी प्रेमिका ज्योति से मिलने उसके घर जाया करता था. इधर ज्योति के पति सत्यपाल को अपनी पत्नी के अवैध संबध की जानकारी मिलने पर ज्योति के पति ने बैधलोचन को चेतावनी भी दी थी. जिसके बाद बैधलोचन के परिजनों ने सत्यपाल की पिटाई की थी. इस घटना के बाद सत्यपाल ने हत्या की योजना बनाई जिसमें उसकी पत्नी ज्योति भी शामिल हुई और बैधलोचन को अकेले में बुलाया जहां ज्योति उसका पति उसका भाई तीनों ने मिलकर नायलॉन की रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद काला प्लास्टिक में रखकर बाइक से ले जाकर शव को रेल लाइन पर रख दिया.
रेल एसपी ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर किसी के कटने पर अक्सर शव की पहचान नहीं हो पाती है. ऐसी घटना को आत्महत्या या लापरवाही समझी जाती है. आरोपियों ने बताया कि ट्रेन से बैधलोचन का शव कटने से उनपर कोई शक नहीं करता इसलिए शव को पटरी पर रखा गया था. लेकिन मालगाड़ी के चालक की सूझबूझ से ट्रेन को घटनास्थल से पहले रोकने के कारण मामले का पूरा खुलासा हो पाया है.