जमशेदपुर: बिना कटे अपने भाव से लोगों को रुलाने वाले प्याज की कीमत में कमी आई है. डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज अब सौ रुपए से कम कीमत में बाजार में उपलब्ध है. बाजार में प्याज बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि प्याज की कीमत बढ़ने से उनके व्यवसाय पर भी काफी असर पड़ा है. अब सुधरने के आसार हैं.
पहली बार मंडी में मंगाया गया है प्याज
देशभर में प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी के कारण उसका असर खाने के स्वाद में भी पड़ा है. 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज 150 प्रति किलो के भाव से बिक रहा है, लेकिन अब पैदावार होने से प्याज के कीमतों में कमी आई है. प्याज के पैदावार वाला मशहूर इलाका नासिक के अलावा राजस्थान के अलवर से पहली बार जमशेदपुर के मंडी में प्याज मंगाया गया है.
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बड़ी मुश्किल से संभाल रहे हैं प्याज का कारोबार
बता दें कि प्याज की बढ़ती कीमत से जमशेदपुर के खासमहल स्थित मंडी में 25 से 30 प्याज के थोक विक्रेता थे, जिसमें से सिर्फ चार से पांच थोक विक्रेता प्याज के कारोबार को बड़ी मुश्किल से संभाल रहे हैं. मंडी में रोजाना 5 से 6 ट्रक प्याज का आवक था जो घटकर एक और दो पर ही सिमट गया. एक ट्रक में करीब 25 टन प्याज यानी 45 से 50 बोरा लाया जाता है.
प्याज की कीमत में बेतहाशा वृद्धि
पहले प्याज का थोक भाव 90-100 रुपये प्रतिकिलो था और बाजार में 110-120 और दूर दराज इलाकों में 140-150 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा था. वर्तमान में मंडी में प्याज के थोक व्यवसाय करने वाले देव कुमार ने बताया कि भारी बारिश होने के कारण पिछले दिनों नासिक और आसपास के इलाकों में प्याज की पैदावार नहीं होने से प्याज की कीमत में बेतहाशा वृद्धि हुई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं.
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प्याज मंगाने से घाटा
इस बीच प्याज के कारोबार करने वाले व्यवसायियों पर बुरा असर पड़ा है. 25-30 थोक विक्रेता थे, जिसमें से सिर्फ तीन से चार ही प्याज के व्यवसाय को चला रहे हैं. पहली बार राजस्थान के अलवर से प्याज मनाया गया है और नासिक से भी प्याज आ रहा है. अब प्याज प्रति किलो 80-90 के भाव में मंडी में है. पिछले दिनों तुर्की से प्याज का आवक हुआ था, लेकिन सामान्य प्याज से वह प्याज बड़ा होने के कारण घरों तक नहीं पहुंच पाया, जिसे सिर्फ होटलों में ही बेचा गया. वैसे प्याज को मंगाने से घाटा होने के कारण उसे भी रोक दिया गया है.
मुनाफा भी हो रहा था कम
इधर बाजार में प्याज बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि प्याज महंगा होने के कारण ग्राहक 1 किलो के बजाय एक पाव ही प्याज खरीद रहे थे. उनका मुनाफा भी कम हो रहा था और कच्चा माल होने के कारण ज्यादा दिन होने से प्याज खराब भी हो जाता है. ऐसे में प्याज के तेवर से उनके व्यवसाय पर भी असर पड़ा है, लेकिन अब प्याज की कीमत कम होने से प्याज 90-100 प्रति किलो बाजार में ग्राहकों को मिलेगा.