जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम में एक ऐसा विद्यालय संचालित किया जा रहा है, जहां बच्चे जाहेर थान की पेड़ के नीचे पढ़ते हैं. 100 से अधिक बच्चे मातृभाषा ओलचिकी माध्यम में पढ़ाई कर रहे हैं. बच्चों को इन भाषाओं की शिक्षा 4 शिक्षक दे रहे हैं.
आसेका संस्था द्वारा खेरवाल विद्याघर का संचालन पिछले साल से हो रहा है. ये विद्यालय एनएच 18 के किनारे केरुकोचा गांव में संचालित है. इस गांव में उत्क्रमित उच्च विद्यालय है. जहां 1-10 की पढ़ाई होती है. ठीक उसके पास संथाली भाषा ओलचिकी माध्यम से पढ़ाई हो रही है. ये बच्चें सरकारी सुविधा से वंचित हैं. इन्हें मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति, स्कूल ड्रेस, निशुल्क किताबें नहीं मिलती हैं. फिर भी बच्चों की उपस्थिति शत-प्रतिशत है. कहा जाता है कि मातृभाषा की पढ़ाई में बच्चों को उत्साह होता है. यहां मातृभाषा ओलचिकी के साथ-साथ हिन्दी, अंग्रेजी की शिक्षा दी जाती है.