जमशेदपुरः सूबे के दस लाख से अधिक लाभुकों की पेंशन रोकने पर झारखंड सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्तर से नोटिस मिलने के मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इसको लेकर ट्वीट किया और सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नीत गठबंधन सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि यदि सूबे के जरूरतमंदों की सुध और चिंता नहीं है तो फिर ये सरकार किनकी हितैषी है ? कहा कि यह विफलता राज्य सरकार की अकर्मण्यता का प्रत्यक्ष उदाहरण है.
झारखंड सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का नोटिस, भाजपा बोली- गरीब सरकार की प्राथमिकता में नहीं - झारखंड सरकार
सूबे के दस लाख से अधिक लाभुकों की पेंशन रोकने पर झारखंड सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के स्तर से नोटिस मिलने के मामले पर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं. प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इसको लेकर ट्वीट किया और सरकार पर जोरदार हमला बोला है.भाजपा प्रवक्ता ने कहा गरीब सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं.
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ट्वीट में कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने फिजूलखर्ची कर सुर्खियों में बने रहने की कोशिश की, लेकिन जरूरतमंदों के लिए पेंशन की राशि तक नहीं दी. यह चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अविलंब हस्तक्षेप करते हुए दस लाख लाभुकों के लंबित पेंशन को अविलंब निर्गत करने का आग्रह किया है. विदित हो कि कोरोना काल में 10 लाख से ज्यादा लोगों की पेंशन रोकने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड सरकार को नोटिस जारी किया है. कोरोना संक्रमण के समय विधवा पेंशन, सीनियर सिटीजन की पेंशन समेत कई अन्य तरह की पेंशन का लाभ लोगों को नहीं मिल पाया था. इसी मामले में एनएचआरसी ने 6 हफ्तों सरकार सरकार को जवाब देने को कहा है.