सरायकेला: नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जमशेदपुर में एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार की ओर से आयोजित पांच दिवसीय उन्नत प्रबंधन विकास कार्यक्रम का समापन रविवार (26 मार्च) को किया गया. इस मौके पर एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज के सीईओ रामबाबू सीएच ने छात्रों को उन्नत प्रबंधन के विषय पर संबोधित किया. पांच दिवसीय कार्यक्रम में कुल 18 व्याख्यान सत्र आयोजित किए गए.
NIT Jamshedpur: एयर इंडिया के सीईओ ने एनआईटी को छात्रों के सिखाए उन्नत प्रबंधन के गुर, कहा- इंडस्ट्री को जरूरत है स्किल्ड मैनपावर की
एनआईटी जमशेदपुर के छात्रों ने भारत सरकार की ओर से आयोजित पांच दिवसीय उन्नत प्रबंधन विकास कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम के अंतिम दिन रविवार (26 मार्च) को छात्रों को एयर इंडिया के सीईओ ने प्रबंधन के टिप्स दिए.
एयरलाइंस इंडस्ट्री को स्किल्ड मैनपावर की जरूरत:जिसमें आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, उद्यमिता, राष्ट्र निर्माण, मानव संसाधन प्रबंधन, सिक्स सिगमा, स्टार्टअप जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर छात्रों को जानकारियां प्रदान की गई.समापन कार्यक्रम के अंतिम दिन एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज के सीईओ रामबाबू सीएच ने छात्रों को संबोधित करते हुए उनके प्रश्नों के उत्तर दिए. इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत के क्रम में उन्होंने कहा कि देश भर में एयरलाइंस इंडस्ट्री को स्किल्ड मैनपावर की जरूरत है. जिसे देखते हुए संस्थानों में शिक्षण व्यवस्था स्थापित की जा रही है. उन्होंने बताया कि एयर इंडिया द्वारा देश के हर कोने को एयरलाइन से जोड़ने के लिए बहुयात संख्या में एयर इंडिया एयरलाइंस की खरीदारी में जुटी है.
कनेक्टिविटी से ज्यादा डिमांड पर फोकस:जमशेदपुर के धालभूमगढ़ में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट निर्माण योजना के अधर में लटके जाने के मुद्दे पर एयर इंडिया सर्विसेस के सीईओ रामबाबू सीएच ने कहा कि केंद्र सरकार उड़ान योजना के तहत देशभर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की स्थापना कर रही है. इसके अलावा पूर्व से संचालित एयरपोर्ट को उड़ान योजना से जोड़कर वहां अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने की भी योजना है. जमशेदपुर के धालभूमगढ़ एयरपोर्ट निर्माण के अधर में लटके जाने पर उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट निर्माण संबंधित अधिकार केवल एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास है. उन्होंने बताया कि एयरलाइंस इंडस्ट्री केवल सर्वे कर सरकार को यह बताने का काम करती है कि एयरपोर्ट से एयर कनेक्टिविटी कितनी हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि एयरपोर्ट पर कनेक्टिविटी अधिक हो बल्कि वहां से राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के डिमांड कितने हैं इस पर फोकस किया जाता है.