जमशेदपुरः जिले में नक्सली दंपती के आत्मसमर्पण करने का मामला सामने आया है. पुलिस को इस नक्सली दंपती की काफी वर्षों से तलाश थी. एरिया कमांडर सोबन मार्डी और पत्नी उर्मिला मेलगांडी ने मिलकर कई हिंसक वारदात को अंजाम दिया है. इन दोनों ने सोमवार को एडीजे-1 प्रज्ञा वाजपेयी की अदालत में आत्मसमर्पण किया. इनके सरेंडर करने से पुलिस ने राहत की सांस ली है. लेकिन ये पूरा आत्मसमर्पण कई सवाल खड़े कर रहा है. क्योंकि जो दंपती पुलिस की लिस्ट में थे. वो पुलिस के सामने से गुजर गए और पुलिस पहचान भी नहीं पाई और ना पकड़ पाई और तो और जिला पुलिस के जवान कोर्ट में ड्यूटी करने के दौरान भी इन दोनोे को पहचान भी नहीं पाए.
फिल्म पटकथा की तरह कोर्ट में सरेंडर
जमशेदपुर कोर्ट में नक्सली दंपती ने सोमवार को आत्मसमर्पण किया. इसकी कहानी फिल्म की कहानी से मिलती जुलती है. फर्स्ट स्टेप-नक्सली बिना मास्क के अपने परिचित से मिलने जमशेदपुर आए, पर किसी ने रोका-टोका भी नहीं. दूसरा स्टेप-नक्सली दंपती पहले जिला पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना चाहते थे. फिर इन्होंने न्यायालय को चुना. तीसरा स्टेप- नक्सली दंपती ने न्यायिक दंडाधिकारी एडीजे-1 प्रज्ञा वाजपेयी की अदालत में पहले से आत्मसमर्पण के लिए पत्राचार किया था. चौथा स्टेप- सोमवार को नक्सली दंपती ने जिला पुलिस से हालचाल जानने के बाद न्यायालय में आत्मसमर्पण किया.
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पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर की दूरी सुदूरवर्ती क्षेत्र में बसे डुमरिया में कभी लाल आतंक से ग्रामीण वासी जूझते रहते थे. पुलिस और सुरक्षा बलों के लगातार कोशिश से डुमरिया गांव के आस-पास के क्षेत्रों में लाल आतंक का साया धीरे-धीरे कम होने लगा है. लगातार छापमार कार्रवाई और पुलिसिया दबिश के बाद इन इलाकों से नक्सलियों के पांव उखड़ने लगे हैं.