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बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने की पहल,  स्कूलों में पढ़ाया जाएगा नैतिक शिक्षा का पाठ

सरकार और शिक्षा विभाग बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए अब सरकारी स्कूलों में एक नई पहल शुरु कर रही है. इसके तहत अब सरकारी स्कूलों में बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा. इस पहल में पूर्वी सिंहभूम जिले में शिक्षा विभाग और डीसी रविशंकर शुक्ला पहल पर सिंहभूम वरिष्ठ नागरिक समिति को जिले के 23 सरकारी स्कूलों में नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने की जिम्मेदारी दी है.

moral education will be taught to school children in East Singhbhum
स्कूली बच्चों को पढ़ाया जाएगा नैतिकता

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Published : Jan 7, 2020, 3:35 PM IST

जमशेदपुर: सरकारी स्कूल के बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ अब स्कूलों में नैतिक मूल्यों का भी पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके लिए पूर्वी सिंहभूम जिले में योजना बनाई जा रही है. इसकी पहल के लिए खुद डीसी रविशंकर शुक्ला ने पहल करते हुए सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति से संपर्क किया है.

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पूर्वी सिंहभूम जिले के सरकारी स्कूलों में अब दादाजी नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाएंगे. इसके लिए जिले के डीसी रविशंकर शुक्ला ने पहल शुरू कर दी है. इसको लेकर बकायदा डीसी ने इस अभियान की शुरुआत के लिए शहर में चल रहे सिंहभूम केंद्रीय वरिष्ठ नागरिक समिति से संपर्क किया है. वहीं, समिति ने इसके लिए हामी भी भर दी है और इसके लिए 30 लोगों की टीम बनाकर जिले के 25 सरकारी स्कूलों का चयन भी कर लिया है. इसी महीने के 15 जनवरी के बाद इस अभियान की शुरुआत कर दी जाएगी.

बच्चों को संस्कारवान बनाने की पहल

सरकार और शिक्षा विभाग बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहती है, जिससे बच्चे बड़े होकर भी अपने नैतिक मूल्यों को नहीं भूलें. इसके लिए सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए नैतिक शिक्षा पढ़ाने की शुरुआत कर रही है. इसकी पहल पूर्वी सिंहभूम जिले से करने की कवायद शुरु हो चुकी है. इसके लिए विभागीय स्तर पर डीसी रविशंकर शुक्ला योजना बना चुके हैं. यदि सब ठीक रहा तो आगामी 15 जनवरी के बाद इसका लाभ छात्रों को मिलने लगेगा. डीसी ने कहा कि शिक्षा विभाग के सहयोग से शहर के वरिष्ठ नागरिकों के सहयोग से शुरू किया जा रहा हैं, ताकि बच्चे संस्कार और संस्कृति को जान सके. फिलहाल शहर के 23 सरकारी स्कूलों में यह कार्य शुरू किया जा रहा है. वहीं आने वाले समय में जिले के सभी स्कूलों में इस तरह के नैतिक शिक्षा की शुरुआत की जाएगी.

सिंहभूम वरिष्ठ नागरिक समिति के 30 वरिष्ठ नागरिक पढ़ाएंगे नैतिक शिक्षा

इधर सिंहभूम वरिष्ठ नागरिक समिति ने इसके लिए हामी भर दी है. स्कूली छात्रों तक नैतिक शिक्षा को पहुंचाने के लिए समिति ने 30 बुजुर्गों की सहमति के बाद अपनी लिस्ट बनाकर उपायुक्त को पत्र सौंप दिया है. सिंहभूम वरिष्ठ नागरिक समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा विभाग की पहल से शुरु हो रहा इस कार्यक्रम से निश्चित रूप से बच्चों और समाज के लिए अच्छा साबित होगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से सप्ताह में एक दिन स्कूली बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा. बहरहाल जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने कहा कि निश्चित ही इस पहल से बच्चों को लाभ मिलेगा. अगर इस प्रकार के कार्य निजी स्कूलों में हो तो बच्चों में दादाजी और नानाजी के प्यार के साथ-साथ बच्चों में संस्कार की समझ भी बढ़ेगा.

जिन स्कूलों में आगामी 15 जनवरी के बाद नैतिक शिक्षा की पाठ पढ़ाई जाएगी उसमें इन स्कूलों के नाम शामिल हैं, जिसमें सिंहभूम वरिष्ठ नागरिक समिति के इन सभी सदस्य नैतिक शिक्षा के पाठ पढ़ाएंगे.

  • टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल, कदमा : अवधेश कुमार पाठक
  • मध्य विद्यालय भाटिया बस्ती : दिनेश मंडल
  • प्राथमिक विद्यालय, महतो पाडा : सोनारी डिप्टी सिंह
  • जनता मध्य विद्यालय, सोनारी : कन्हैया लाल अग्रवाल
  • सीसी समिति, सोनारी : अनिल राय
  • मिथिला उच्च विद्यालय, सोनारी : विजय चौबे
  • प्राथमिक स्कूल, उलियान : विक्रमादित्य चौबे
  • पीएस कदमा : सत्येंद्र प्रसाद
  • माधव सिंह उच्च विद्यालय, बिष्टुपुर : जय प्रकाश ओझा
  • सरदार बल्लभ भाई पटेल, बिरसानगर : रामाश्रय प्रसाद
  • हिंदुस्तान मित्र मंडल : वृंदा सिंह
  • प्राथमिक विद्यालय, छोटा गोविंदपुर, कृष्ण चंद्र दास
  • प्राथमिक विद्यालय, छोटा गोविंदपुर : किशोरी लाल
  • जनता मध्य विद्यालय, छोटा गोविंदपुर : मृगनाथ प्रसाद
  • बुनियादी मध्य विद्यालय, छोटा गोविंदपुर : राम कृपाल सिंह
  • उच्च आदर्श विद्यालय, छोटा गोविंदपुर : मनोकामना सिंह
  • गांधी उच्च विद्यालय, मानगो : वीरेंद्र तिवारी
  • झंडा सिंह स्कूल : राजेश तिवारी
  • अमर ज्योति स्कूल, पारडीह : उमेश चंद्र सिंह
  • सरकारी मध्य विद्यालय, डिमना : लता प्रियदर्शनी
  • माइकल जॉन महिला विद्यालय, गोलमुरी : अर्पणा संत सिंह
  • हरिजन उच्च विद्यालय, भालूबासा : अर्पणा संत सिंह

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