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सरायकेला मॉब लिंचिंग मामले में BJP विधायक का बयान, तबरेज और उसके पिता के बारे में कही यह बात

मॉब लिंचिंग मामले में भाजपा विधायक लक्ष्मण टुडू ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि तबरेज अंसारी चोर था. विपक्ष पर राजनीति करने का लगाया आरोप.

लक्ष्मण टुडू, भाजपा विधायक

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Published : Jun 28, 2019, 7:57 PM IST

पूर्वी सिंहभूम/घाटशिलाः भाजपा के घाटशिला विधायक लक्ष्मण टुडू ने पिछले दिनों हुए सरायकेला मॉब लिंचिग घटना पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कांग्रेस और दूसरे राजनीतिक दलों को आड़े हाथों लिया. उन्होंने मॉब लिंचिग का शिकार हुए तबरेज और उनके परिवार पर ही हमला बोला है.

भाजपा विधायक लक्ष्मण टुडू का बयान

घाटशिला के भाजपा विधायक लक्ष्मण टुडू सरायकेला में हुई घटना पर खुलकर सामने आ गए हैं. टुडू ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि तबरेज अंसारी के परिवार का चोरी करना ही पेशा था. विधायक ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाकर विपक्ष झारखंड को बदनाम करने का काम कर रही है. लक्ष्मण टुडू ने दो टूक कहा कि वे खुद सरायकेला-खरसावां के रहने वाले हैं. जिस घर में तबरेज चोरी करने घुसा था. उस परिवार को भी वे भली-भांति जानते हैं. डेढ़ महीने पहले तबरेज की शादी पर भी विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा कि उसकी पत्नी नाबालिग लगती है. उन्होंने कहा कि तबरेज के परिवार का इतिहास देखा जाए तो इस तरह की घटना में उसके पिता की हत्या हुई थी. तबरेज की बात है तो वह एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी था. कई बार जेल भी जा चुका था. तबरेज पेशेवर अपराधी था. उन्होंने कहा कि इस तरह से अपराधी के परिवार को लेकर पार्टियां मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रही हैं, जो गलत है.

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विधायक ने कहा कि धातकीडीह गांव में तबरेज अंसारी 3 साथियों के साथ चोरी के मोटरसाइकिल के साथ पकड़ा गया था. जिसे सही सलामत ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले कर दिया था. तबरेज मामले को लेकर सड़क से संसद तक राजनीति शुरू हो गई है. लक्ष्मण टुडू ने आदिवासियों से जुड़े दूसरे मामले पर चुप्पी को लेकर कहा कि इसी जिला में हुए पांच-पांच पुलिसकर्मियों के संहार पर सभी चुप हैं. जिसे राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनना चाहिए था. आज उस मुद्दे पर कोई बात तक करने को तैयार नहीं है. कहां है, कैसी है शहीदों की बेवा, उन्हें मुआवजा मिला या नहीं. उनके बच्चों की क्या स्थिति है. ये पूछनेवाला कोई नहीं. एक अपराधी की मौत पर सियासत करने वाले जरा शहीद जवानों के परिवार की भी सुध लेते. मारे गए सभी पुलिस के जवान झारखंड के ही आदिवासी थे. क्या उनके लिए सहानुभूति के लिए किसी के पास वक्त नहीं है.

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