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बिजली के निजीकरण के फैसले से पहले एक बार फिर सोचे सरकारः  सरयू राय - जमशेदपुर न्यूज

बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में देने के झारखंड सरकार के फैसले का विरोध शुरू हो गया है. पहले बिजली विभाग के कर्मचारी और अब सरकार के मंत्री भी इसका विरोध कर रहे हैं. मंत्री सरयू राय ने कहा है कि सरकार जैसी भी व्यवस्था रखे लेकिन बिजली व्यवस्था को सुधारने की ज्यादा जरूरत है.

मंत्री सरयू राय और झामुमो नेता कुणाल सारंगी

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Published : Jun 24, 2019, 7:14 PM IST

जमशेदपुरः राज्य सरकार ने कुछ जिलों में बिजली व्यवस्था के निजीकरण का फैसला लिया है. इस फैसले का बिजली विभाग के कर्मचारियों के बाद सरकार के मंत्री भी विरोध कर रहे हैं. सभी का कहना है कि निजीकरण से ज्यादा सरकार को बिजली आपूर्ति और बिजली व्यवस्था मजबूत करने की ओर ध्यान देने की जरूरत है.

मंत्री सरयू राय और झामुमो नेता कुणाल सारंगी का बयान

खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर अपनी जिम्मेदारी छोड़कर निजी क्षेत्रों को जिम्मेदारी सौंप रही है, तो इस फैसले पर एक बार और सोचना होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निर्णय विवेकपूर्ण होने चाहिए. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसी व्यवस्था का निजीकरण करना ही समस्या का समाधान नहीं है. उन्होंने कहा कि बिजली का निजीकरण करने या नहीं करने से ज्यादा बिजली व्यवस्था पर ध्यान देना होगा.

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वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता और बहारागोड़ा के विधायक कुणाल षाड़ंगी ने बिजली के निजीकरण के सवाल पर कहा कि सरकार को यह निश्चित करना होगा कि बिजली 24 घंटे कैसे मिले.

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