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तमिलनाडु से प्रवासी मजदूर पहुंचे टाटानगर, प्रशासन ने किया होम क्वॉरेंटाइन - Hundreds of migrant workers reached Tatanagar

कोविड-19 के लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर तमिलनाडु के काटपाड़ी से स्पेशल ट्रेन के जरिये शनिवार की देर शाम टाटानगर रेलवे स्टेशन पहुंचे. टाटानगर स्टेशन में चौथे चरण में ट्रेन से 1 हजार 480 प्रवासी मजदूर आये है, जिनमें झारखंड के बिभिन्न जिलों से काटपाड़ी इलाज कराने गए मरीज और उनके परिजन भी शामिल है.

तमिलनाडु से सैकड़ों प्रवासी मजदूर पहुंचे टाटानगर
migrant workers from Tamil Nadu reached Tatanagar

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Published : May 17, 2020, 10:20 AM IST

जमशेदपुर: कोविड-19 के लॉकडाउन में देश के कई प्रदेश में फंसे प्रवासी मजदूरों को स्पेशल ट्रेन के जरिये उनके प्रदेश तक भेजा जा रहा है. जिसके तहत तमिलनाडु के काठपाड़ी से 1 हजार 480 प्रवासी मजदूर ट्रेन के जरिए शनिवार की देर शाम टाटानगर स्टेशन पहुंचे. पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त ने बताया कि इस जिला के अलावा झारखंड के कई जिलों के रहने वाले प्रवासी मजदूर ट्रेन से आये हैं, जिनको थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद बस के जरिये उनके जिलों तक भेजा जा रहा है.

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मजिस्ट्रेट की कड़ी निगरानी

कोविड-19 के लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूर तमिलनाडु के काटपाडी से स्पेशल ट्रेन के जरिए शनिवार की देर शाम टाटानगर स्टेशन पहुंचे. टाटानगर स्टेशन में चौथे चरण में ट्रेन से 1 हजार 480 प्रवासी मजदूर आये हैं. जिनमें झारखंड के विभिन्न जिलों से काटपाडी इलाज कराने गए मरीज और उनके परिजन भी शामिल हैं. इन प्रवासियों को सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए उन्हें ट्रेन से उतारा गया और उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. जिसके बाद उन्हें बस से मजिस्ट्रेट की निगरानी में उनके जिला भेजा गया है. इस दौरान स्टेशन पर मेडिकल टीम के साथ जिला के सिविल सर्जन, पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त के अलावा जिला के कई अधिकारी मौजूद रहे.

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प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिंग

स्पेशल ट्रेन से आने वालों में पूर्वी सिंहभूम जिला के 106 लोगों में काटपाड़ी इलाज के लिए गए मरीज भी शामिल हैं, जिन्हें बिस्टुपुर स्थित लोयला स्कूल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा गया है. जहां जांच के लिए सैंपल लेने के बाद उन्हें होम क्वॉरेंटाइन के लिए घर भेजा जाएगा. पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिला के अलावा झारखंड के अन्य कई जिलों के प्रवासी काटपाड़ी से आये हैं. आने वाले सभी प्रवासियों की मेडिकल थर्मल स्क्रीनिंग कर उन्हें बस के जरिए उनके जिलों तक पहुंचाया जा रहा है.

बाहर जाना है मजबूरी
इधर, तमिलनाडु से आने वाले प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. उन्हें वेतन भी नहीं मिला है. पैसे खत्म हो गए हैं. अब वापस नहीं जाएंगे. यहीं काम करेंगे. कुछ प्रवासी मजदूरों कहा कि यहां काम करने पर पैसा कम मिलता है. बाहर जाना मजबूरी है.

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