जमशेदपुरः वैश्विक महामारी कोरोना ने गुलजार गलियों को वीराना बना दिया है. एक वक्त था जब औद्योगिक नगरी जमशेदपुर भागती-दौड़ती नजर आती थी. हजारों लोग इन संस्थान, मकानों, दुकानों से अपना पेट पालते थे. धीरे-धीरे कोरोना का प्रकोप बढ़ा और पूरा देश लॉकाडउन की चपेट में आ गया. जिससे करीब 70 फीसदी बाहरी मजदूरों ने शहर छोड़ दिया, हजारों स्टूडेंट्स ने हॉस्टल, लॉज, मकान और पीजी छोड़ कर अपने घर लौट गए. जिससे दुकानें बंद हो गईं, मकान खाली होने लगे, स्कूल बंद हुए तो लॉज और हॉस्टल खाली हो गए. जिससे होटल, लॉज और मकान मालिकों के सामने आर्थिक संकट आ गया है.
वीरान हुई साकची
जमशेदपुर का व्यवसायिक केन्द्र साकची पूरी तरह से वीरान हो गया. यहां करीब 3 से 4 हजार विद्यार्थियों का बसेरा था. शहर के काशीडीह, आमबगान में जहां रौनक रहती थी. लेकिन आज वहां सबकुछ खाली-खाली है.