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घाटशिला से CPI के कन्हाई मुर्मू ठोकेंगे ताल! संभावित उम्मीदवार की रेस में सबसे आगे

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Published : Nov 6, 2019, 11:41 AM IST

झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने है. सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार करने में लगी है. इसी कड़ी में घाटशिला विधानसभा से कन्हाई मुर्मू सीपीआई के संभावित उम्मीदवार हैं.

कन्हाई मुर्मू घाटशिला से होगें CPI के उम्मीदवार

घाटशिला, पूर्वी सिंहभूम: झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी उम्मीदवारों पर काम करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से सीपीआई से युवा उम्मीदवार कन्हाई मुर्मू रेस में सबसे आगे चल रहें हैं.

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CPI ने चलाया सदस्यता अभियान
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के घाटशिला और प्रभारियों ने एकमत में सीपीआई के लिए कन्हाई मुर्मू का नाम आगे भेजा है. इसी क्रम में मऊभंडार आईसीसी वर्कस यूनियन कार्यालय में बीएन सिंहदेव की अध्यक्षता में सीपीआई ने सदस्यता अभियान चलाया. इसमें पश्चिम मऊभंडार के मुखिया कनाई मुर्मू के नेतृत्व में करीब 30 युवा पार्टी में शामिल हुए. वर्कस यूनियन के महासचिव ओमप्रकाश सिंह ने सभी का स्वागत किया.

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जिला कमेटी लेगी अंतिम फैसला
वहीं, महासचिव ओपी सिंह ने कहा घाटशिला क्षेत्रीय कमेटी ने कन्हाई मुर्मू को घाटशिला विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए जाने का प्रस्ताव जिला कमेटी को भेजा है. जिला कमेटी की बैठक में इस पर फाइनल निर्णय होगा. पिछले 10 से 15 सालों से अब तक घाटशिला में एक भी लाइफ सेविंग अस्पताल की सुविधा नहीं है. इस चुनाव में घाटशिला से सीपीआई के प्रतिनिधि घाटशिला की दशा और दिशा बदलेंगे.

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क्षेत्र में शिक्षित बेरोजगार, किसान परेशान
कन्हाई मुर्मू ने कहा कि राज्य की स्थिति और परिस्थिति दोनों खराब है. किसान खेती के लिए बारिश पर निर्भर हैं. भारी संख्या में शिक्षित बेरोजगार हैं. इसका मुख्य कारण घाटशिला के जनप्रतिनिधि की कार्यकुशलता की कमी और उनका क्षेत्रीय नहीं होना. 25 सालों में कांग्रेस के डॉ बलमुचू, झामुमो के रामदास सोरेन और बीजेपी के लक्ष्मण टुडू के कार्यकाल में क्षेत्र में कोई ऐसा काम नहीं हुआ है, जिस पर ये लोग उन्नत किसान और मजदूर को खुशहाल बनाने के दावे कर सके. क्षेत्र में खेल, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, उच्च शिक्षा की कमी के कारण यहां के युवा करियर बनाने के लिए काफी जूझते हैं. डॉ बलमुचू के कार्यकाल में घाटशिला की 5 कॉपर माइंस बंद हुई. राज्य के 81 विधायकों की निष्क्रियता के कारण पंचायत प्रतिनिधियों को उनका अधिकार नहीं मिला.

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