जमशेदपुरःशहर की शैक्षणिक संस्था एक्सएलआरआइ में रविवार को जेआरडी टाटा व्याख्यान का आयोजन किया गया (Jrd Tata Lecture Organized At Xlri). जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में टाटा एसआइए (विस्तारा) के चेयरमैन सह टाटा संस के डायरेक्टर भास्कर भट्ट, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन मौजूद थे. दोनों ने एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज, जेआरडी टाटा सेंटर फॉर बिजनेस एथिक्स के चेयरमैन फादर कुरुविला पांडिकुट्टू व डीन एकेडमिक्स प्रो संजय पात्रो के साथ संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की.
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ग्राहकों और लोगों का विश्वास ही टाटा की सबसे बड़ी पूंजीःइस दौरान भास्कर भट्ट ने देश के भावी प्रबंधकों से कहा कि ग्राहकों और लोगों का विश्वास ही टाटा की सबसे बड़ी पूंजी है. यह विश्वास और भरोसा एक दिन में नहीं बना है. कंपनी के बड़े अधिकारियों से लेकर अंतिम पायदान के कर्मचारियों ने पूरी लगन, निष्ठा, ईमानदारी व नैतिक मूल्यों के साथ अनवरत कार्य किया. उनकी बदौलत ही टाटा ग्रुप को लगातार सातवें साल दुनिया की सबसे एथिकल कंपनी घोषित की गयी है.
ग्राहकों से किया गया वादा हर हाल में निभाती है टाटाः भास्कर भट्ट कहा कि टाटा के लिए नैनो सिर्फ एक कार नहीं, बल्कि देश के तमाम मोटरसाइकिल चालकों के लिए एक उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि सिंगूर में जिस प्रकार से लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे थे, उसे देखते हुए एक समय उपभोक्ताओं को लगा कि शायद टाटा नैनो प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर सके, लेकिन रतन टाटा ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ग्राहकों से वादा कर लिया तो कर लिया, उन्होंने इसे साबित कर दिखाया.
लाख चुनौतियों के बावजूद नैतिकता से समझौता नहीं करेंःकॉरपोरेट एथिक्स का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए टाटा संस के डायरेक्टर ने कहा कि एक दौर था जब टाटा फाइनांस बुरे दौर से गुजर रहा था, लेकिन लोगों के साथ किया कमिटमेंट बना रहे इसी वजह से एक-एक व्यक्ति की राशि वापस की गयी. उन्होंने कहा कि प्रोफेशनल लाइफ में कई प्रकार की चुनौतियों से सामना करना पड़ेगा, लेकिन कभी भी अपनी नैतिकता के साथ समझौता नहीं करें. भास्कर भट ने कहा कि कॉरपोरेट नैतिकता से व्यक्तिगत नैतिकता को अलग नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप में काम करने का अपना कोड ऑफ कंडक्ट है, जो कई तरह के चरण होकर गुजरता है. उन्होंने कहा कि ईमानदारी और नैतिकता मेरे लिए एक शब्द है, दो शब्द नहीं.
हम नौकरियां लेने में नहीं, बल्कि उसे बनाए रखने में विश्वास रखते हैंः छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए भास्कर भट्ट ने टीसीएस में कम पैकेज के सवाल पर कहा कि हम नौकरियां लेने में नहीं, बल्कि उसे बनाए रखने में विश्वास रखते हैं. यही हमारी नैतिकता है. मल्टीनेशनल कंपनियों पर भारत में हो रहे मुकदमे के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी अगर भारत में कार्य कर रही है तो उन्हें भारत सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए.
बिना नैतिकता के कोई भी कंपनी लंबा नहीं चल सकती:जेआरडी टाटा व्याख्यान में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि एक्सएलआरआइ ने हमेशा नैतिकता को अपनाने पर बल दिया है, ताकि देश व दुनिया को बेहतर बिजनेस लीडर दे सकें. उन्होंने कहा कि छात्रों के लिए नैतिकता के महत्व को समझना और महत्व देना महत्वपूर्ण है. बिना नैतिकता के कोई भी कंपनी लंबा नहीं चल सकती. कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई उदाहरण देखने को मिले हैं, जिसमें अनैतिक कार्य करने वाली कंपनियां किस प्रकार से बर्बाद हो गयी.
एक्सएलआरआइ में बिजनेस एथिक्स का कोर्स है अनिवार्यः जेआरडी टाटा सेंटर फॉर बिजनेस एथिक्स के चेयरमैन फादर कुरुविला पांडिकुट्टू ने कहा कि एक्सएलआरआइ न सिर्फ बिजनेस लीडर तैयार करती है, बल्कि उनमें एथिकल वैल्यू का समावेश हो इस पर ध्यान देती है. इसके लिए खास तौर पर कोर्स को डिजाइन किया गया है. जिसके तहत हर विद्यार्थी को बिजनेस एथिक्स के 11 कोर्स करने अनिवार्य होते हैं. एक्सएलआरआइ के आने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय नैतिकता सम्मेलन की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने टाटा स्टील की ओर से चलायी जा रही एथिक्स पर आधारित कई तरह की प्रतियोगिताओं का भी जिक्र किया.
टाटा है मोस्ट ट्रस्टेड ब्रांडःभास्कर भट्ट ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से टाटा ग्रुप के एथिक्स को दर्शाय. इस दौरान उन्होंने बताया कि टाटा के एक कर्मचारी द्वारा किये गये एक शोध के अनुसार सबसे ट्रस्टेड ब्रांड टाटा है. क्रमवार टाटा, इंफोसिस, एलआईसी, रिलायंस, एयरटेल, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, विप्रो, महिंद्रा, एचसीएल शामिल हैं.
राजनीतिक पार्टियों को भी पूरी पारदर्शिता से देते हैं चंदाः कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के एक सवाल का जवाब देते हुए भास्कर भट्ट ने कहा कि टाटा ग्रुप राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने में भी पारदर्शिता बरतती है. चेक के माध्यम से चंदा दिया जाता है. वहीं, टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा ग्रुप में एक इलेक्टोरल फंड होता है. जिसके जरिये सभी राजनीतिक पार्टियों को चंदा दिया जाता है. टाटा ट्रस्ट के सौजन्य से टाटा ग्रुप की विभिन्न कंपनियां इसमें अंशदान करती है. जीती गयी सीट के हिसाब से राजनीति दलों को चंदा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि न किसी को अधिक और न किसी को कम दिया जाता है. कहा कि बिजनेस की सफलता और स्थिरता में नीति व नीयत अहम है.