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Jharkhand Workers Trapped In South Africa: मजदूरों की घर वापसी को लेकर हरकत में आई भारतीय एंबेसी

साउथ अफ्रीका में फंसे झारखंड के मजदूर, जिन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर घर वापसी की गुहार लगाई. गिरिडीह और हजारीबाग जिला के रहने वाले 33 मजदूरों ने गुहार पर माली देश में भारतीय एंबेसी हरकत में आया है. उनकी तरफ से बताया गया है कि सभी मजदूर सुरक्षित हैं. इससे इन मजदूरों की घर वापसी का रास्ता अब साफ नजर आ रहा है.

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साउथ अफ्रीका में फंसे झारखंड के मजदूर

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Published : Jan 17, 2022, 11:05 PM IST

जमशेदपुरः साउथ अफ्रीका में फंसे झारखंड के मजदूर (Jharkhand Workers Trapped In South Africa), इन 33 मजदूरों ने घर वापसी को लेकर वीडियो जारी किया था. इस मामले में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी की पहल पर माली देश में भारतीय एंबेसी हरकत में आया है. उनकी ओर से बताया गया कि झारखंड के मजदूर सुरक्षित हैं. उनको वहां से निकालने की कोशिश की जा रही है.

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भाजपा झारखंड प्रदेश के प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के त्वरित पहल से अफ्रीकी देश माली में फंसे गिरिडीह और हजारीबाग जिला के 33 मजदूर के वतन वापसी का रास्ता साफ हुआ है. अफ्रीकी देश माली में फंसे झारखंड के गिरिडीह और हजारीबाग जिलों के रहने वाले 33 मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने वतन वापसी की गुहार लगाई थी. जिसे ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. उन मजदूरों ने वीडियो के माध्यम से बताया है कि वो जिस कंपनी में काम कर रहे हैं वहां पिछले 3 महीने से वेतन नहीं दिया गया, जिससे खाने पीने के लाले पड़ गए हैं. ऐसे में किसी प्रकार उन्हें भारत वापस भेजा जाए.

बीजेपी प्रवक्ता का ट्वीट

सोशल मीडिया में सुनील महतो नामक युवक ने भी प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई लोगों से इस मामले में इन मजदूरों के मदद करने का अनुरोध किया था. जिसमें बहरागोड़ा के पूर्व विधायक सह भाजपा झारखंड प्रदेश के प्रवक्ता कुणाल षाडंगी भी शामिल थे. कुणाल ने ट्वीट को संज्ञान में लेकर तुरंत विदेश मंत्री एस जयशंकर, माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी, वहां पदस्थापित भारतीय राजदूत अंजनी सहाय और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची सहित कई लोगों को इन मजदूरों के सकुशल घर वापसी के लिए मदद का आग्रह किया. जिस पर माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी ने जवाब दिया है कि उन्होंने दोनों पक्षों, मजदूरों और उनकी कंपनी से संपर्क साध लिया है और उनके बीच जो भी विवाद है उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

अफ्रीकी देश माली एंबेसी से मिला जवाब

उन्होंने यह भी बताया है कि मजदूरों के पास भोजन की पर्याप्त उपलब्धता है और वो पूरी तरह सुरक्षित हैं. वहीं त्वरित हस्तक्षेप के लिए कुणाल षाडंगी ने माली और मॉरिटानिया में भारतीय एंबेसी को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि यहां मजदूरों के परिवारों को यही बात बतायी है. उन्होंने कहा कि अगर मजदूर और नियोक्ता के बीच एक सौहार्दपूर्ण समाधान निकाला जा सकता है तो यह बहुत अच्छा होगा. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने उम्मीद जताई है कि मजदूरों का यह मुश्किल समय जल्द ही खत्म हो जाएगा.

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