जमशेदपुर: परसुडीह के कुंडू भवन में झारखंड राज्य चिकित्सा और जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की बैठक हुई. जिसमें राज्य के अलग-अलग जिलों से प्रतिनिधि शामिल हुए. संघ ने केंद्र और राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों पर अपना विरोध जताया है और अपनी मांगों को लेकर रणनीति बनाई है.
ये भी पढ़ें-भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष ने कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे के खिलाफ, राष्ट्रीय महिला आयोग में दर्ज की शिकायत
संघ के महामंत्री रामाधार शर्मा ने दी जानकारी
संघ का कहना है कि पूर्व की सरकार से उन्हें कोई लाभ नहीं मिला, जबकि वर्तमान सरकार के युवा मुख्यमंत्री और मजदूरों के शहर में रहने वाले स्वास्थ्य मंत्री से काफी उम्मीदें हैं. लेकिन सरकार और विभाग चिकित्सा कर्मचारियों के साथ दोहरी नीति अपना रही है. संघ के महामंत्री रामाधार शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से समय पर प्रोन्नति नहीं दी जाती है. संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों की सेवा को नियमित नहीं किया जा रहा है. जिससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. उन्होंने बताया कि ठेके पर बहाली की प्रथा पर सरकार रोक लगाते हुए आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा को नियमित करे. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में चिकित्सा कर्मचारी अपने घर परिवार को छोड़कर जनता की सेवा में लगे रहे, लेकिन झारखंड में स्वास्थ्यकर्मियों को कोई सुविधा नहीं दी गई. जबकि पड़ोस के राज्य में एक महीने के बराबर मानदेय दिया गया है. कर्मचारियों की स्थिति दयनीय होती जा रही है.
हड़ताल की चेतावनी
महामंत्री ने बताया कि कर्मचारी संघ का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर अपनी बातों से अवगत कराएंगे. 15 दिनों के अंदर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो धरना प्रदर्शन और हड़ताल पर राज्य भर के कर्मचारी चले जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.