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आजादी के 75 साल बाद भी किताकोचा गांव को विकास का इंतजार, जनता दरबार में विधायक ने समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन

पूर्वी सिंहभूम के पोटका विधानसभा के किताकोचा टोला में जनता दरबार लगाया गया. जहां विधायक संजीव सरदार के साथ बीडीओ और अन्य अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या सुनी. इस दौरान 75 सालों से विकास से दूर रहे ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा सुनाई. उनके सभी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिया गया है.

Janata Darbar organized in Kitakocha Tola
Janata Darbar organized in Kitakocha Tola

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Published : Jun 26, 2023, 12:26 PM IST

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जमशेदपुर:पोटका विधानसभा क्षेत्र के डुमरिया प्रखंड में किताकोचा टोला एक ऐसा गांव है, जहां आजादी के 75 साल बाद भी पानी, बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं हैं. ग्रामीणों को प्रखंड कार्यालय जाने के लिए पोटका प्रखंड के रास्ते 60 किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है और नहीं तो ग्रामीणों को पथरीला रास्ता होते हुए दो पहाड़ पार करके प्रखंड कार्यालय जाना पड़ता है. इसमें भी उन्हें लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. इन सभी समस्याओं का निदान करने के लिए पोटका के विधायक संजीव सरदार की पहल पर डुमरिया प्रखंड में जनता दरबार लगाया गया.

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जनता दरबार में प्रखंड विकास पदाधिकारी साधु चरण देवगन ने लोगों की कुछ समस्याओं का ऑन द स्पॉट समाधान भी किया. इस जनता दरबार में पहली बार गांव में जनप्रतिनिधि के पहुंचने से ग्रामीणों को बरसों पुरानी समस्या का हल निकालने की उम्मीद जगी है.

विधायक ने जनता दरबार के बाद बीडीओ साधुचरण देवगम और अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक की. विधायक ने कहा कि सभी विभाग इस क्षेत्र के ग्रामीणों का कैंप आयोजित कर आवेदन जमा करें. ग्रामीणों को सर्वजन पेंशन योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, वन पट्टा समेत अन्य योजनाओं से जोड़ने के लिए आवेदन जिला कार्यालय भेजें. उन्होंने पेयजल और स्वच्छता विभाग के जेई आकाश जायसवाल को एक सप्ताह के अंदर टोले में डीप बोरिंग कराने का निर्देश दिया. इसके बाद विधायक घर-घर जाकर ग्रामीणों से मिले. साथ ही ग्रामीण जिस रिसते पानी का उपयोग करते हैं, उस स्थल पर जाकर पानी पिया और ग्रामीणों की तकलीफ का अहसास किया.

ग्रामीणों ने बताई अपनी समस्या:इस दौरान ग्रामीणों ने अपनी समस्या बताई. उन्होंने बताया कि आजतक एक भी चापाकल और कुआं प्रशासन की ओर से नहीं बनाया गया है. पेयजल और अन्य आवश्यकताओं के लिए पहाड़ से रिसते बूंद-बूंद पानी को इकट्ठा कर पानी पीते हैं. किताकोचा टोला में बिजली नहीं होने के कारण लोग ढिबरी युग में जी रहे हैं. ग्रामीण स्कूली बच्चे तो पढ़ाई भी ठीक से नहीं कर पाते हैं. ज्यादातर बच्चे पांचवी क्लास तक पढ़े लिखे हैं. उसके बाद सब पढ़ाई छोड़ देते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि टोला के प्राइमरी स्कूल में एक सहायक शिक्षक हैं, जो महीने में एक दिन स्कूल आते हैं. इसके कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से बाधित रहती है. एक छात्रा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनकी पढ़ाई पूरी तरह से चौपट हो गई, क्योंकि इस क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क नहीं रहने के कारण वे ऑनलाइन क्लास नहीं कर पाए. छात्रा ने बताया कि वह बरसात के दिनों में स्कूल जाना बंद कर देती है. पहाड़ी नाला होने के कारण बरसात के समय पानी का बहाव बहुत तेज रहता है इसी कारण से बरसात में गांव के बच्चे स्कूल जाना बंद कर देते हैं.

योजनाओं का नहीं मिलता लाभ: ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी राशन लेने के लिए उन्हें दो पहाड़ पार करके जाना पड़ता है, जो काफी कठिनाई भरा रास्ता है. गांव की सबर जनजाति के लोगों ने बताया कि उनको मुख्यमंत्री डाकिया योजना का लाभ नहीं मिलता है. वह खुद राशन दुकान जाते हैं और राशन लेकर आते हैं. गांव की महिला ने बताया कि गांव में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए भी पहाड़ पार करके उन्हें आंगनबाड़ी जाना पड़ता है. रास्ता नहीं होने के कारण 108 एंबुलेंस भी गांव में नहीं पहुंच पाता है. गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के दौरान ही कई महिलाओं का रास्ते में ही गर्भपात हो जाता है.

विधायक संजीव सरदार ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि राज्य की हेमंत सरकार गरीबों की सरकार है. वह झारखंड के विकास के लिए वचनबद्ध हैं. आपके गांव में जल्द ही बिजली, सड़क, स्वास्थ्य आदि समस्याओं का निदान किया जाएगा.

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