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मकर संक्रांति को लेकर सजा बाजार, महंगाई और बेरोजगारी का दिख रहा असर - Jamshedpur Makar Sankranti

जमशेदपुर में जनवरी के महीने में 14 या 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाया जाता है. इसे लेकर बाजारों में अलग-अलग तरह के खाने का सामान दुकानों में सज गया है, जिसमें गुड़, तिल, बादाम, चूड़ा से बने लड्डू और तिलकुट प्रमुख है.

मकर संक्रांति को लेकर सजा बाजार
Jamshedpur market punished for Makar Sankranti

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Published : Jan 11, 2020, 7:50 AM IST

Updated : Jan 11, 2020, 8:56 AM IST

जमशेदपुर:मकर संक्रांति हिंदुओं का प्रमुख पर्व है. यह पर्व पूरे देश में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है. 14 जनवरी को मनाए जाने वाला मकर संक्रांति पर्व को लेकर बाजार पूरी तरह सज गया है. कुछ लोग इसे दान-पुण्य का पर्व मानते हैं तो कुछ लोगों का कहना है यह हमारी पुरानी परंपरा है. इस दिन नए फसल की पूजा कर उसे अपनाया जाता है, जबकि दुकानदार का कहना है महंगाई और बेरोजगारी का असर बाजार पर पड़ा है.

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खरीदारी के लिए लोगों की भीड़
जमशेदपुर में जनवरी के महीने में 14 या 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने के लिए बाजारों में अलग-अलग तरह के खाने का सामान सज गया है, जिसमें गुड़, तिल, बादाम, चूड़ा से बने लड्डू और तिलकुट प्रमुख है. दुकानों में मकर संक्रांति के लिए खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी है. बादाम और गुड़ से बने बादामपट्टी, चीनी और गुड़ से बने तिकलुट, गुड़ और चीनी से बना चूड़ा का लड्डू, लाई और तिल के लड्डू बनाये गए हैं. इनमें खास है खोया का तिलकुट.

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शुभ काम की शुरुआत
इन अलग अलग खाने-पिने की चीजों में बेहतर स्वाद के लिए दुकानदारों ने बिहार के गया से कारीगरों को बुलाकर अपने दुकान में ही तिलकुट और लड्डू बनवाने का काम कर रहे है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खरवास खत्म हो जाता है और नया शुभ काम करने की शुरुआत होती है. इस दिन दान पुण्य कर लोग एक दूसरे को तिलकुट और लड्डू देकर आपसी प्रेम को बढ़ाते है.

अनाज की पूजा
बाजार से मकर संक्रांति की खरीददारी करने वाले लोगों ने इस पर्व को पुरानी परंपरा बताते हुए कहा है कि यह दिन खास होता है. नए अनाज की पूजा कर उससे बनने वाली चीजों को खाया जाता है. बाजार में सामान थोड़ा महंगा है, लेकिन खरीदना भी जरूरी है. राजेश तिवारी और उनकी पत्नी का कहना है कि अभी समय का अभाव है, जिसके कारण बाजार से लड्डू और तिलकुट खरीदना पड़ता है. पहले घरों में इन्हें बनाया जाता था अब कम घरों में बनाया जा रहा है.

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बेरोजगारी का असर
बेटी के साथ मकर संक्रांति की खरीददारी कर रही 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला पूजा देवी ने बताया कि इस पर्व का दिन शुभ होता है. मां बच्चों को तिल और लड्डू देती है, जिसका अलग महत्व होता है. वहीं, महिला की बेटी ने कहा कि मां जो सिखाती है वह उस परंपरा को मानते आ रहे है. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि मकर संक्रांति के लिए पूरी तैयारी पहले से करना पड़ता है. बाजार ज्यादा महंगा नहीं है, लेकिन बिक्री कम है. उनका कहना है कि कई कंपनियों के बंद होने से बेरोजगारी का असर बाजार पर पड़ा है.

मकर संक्रांति के अवसर पर बाजार में सामानों का भाव

सामान कीमत
मालभोग चावल का चूड़ा 90 रुपये किलो
कतरनी चावल का चूड़ा
70 रुपये किलो

बासमती चावल का चूड़ा
60 रुपये किलो
सामान्य चूड़ा 40 रुपये किलो
गुड़ चूड़ा लड्डू 100 रुपये किलो
चीनी चूड़ा लड्डू 150 रुपये किलो
मुढ़ी लड्डू 200 ग्राम 25 रुपये पैकेट
बादामपट्टी 160 रुपये किलो
काला तिल लड्डू 200 रुपये किलो
सफेद तिल लड्डू 200 रुपये किलो
तिलपट्टी 200 रुपये किलो
रेवड़ी 160 -200 रुपये किलो
चीनी तिलकुट 200-240 रुपये किलो
गुड़ तिलकुट 200-240 रुपये किलो
स्पेशल खोया तिलकुट 320 रुपये किलो
गुड़ 45-50 रुपये किलो
खजूर गुड़ 100-120 रुपये किलो
Last Updated : Jan 11, 2020, 8:56 AM IST

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