जमशेदपुर:शास्त्री नगर में हुए विवाद मामले में जेल में बंद भाजपा नेताओं से विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रविवार (16 अप्रैल) को मुलाकात की. अभय सिंह से मुलाकात करने के बाद बाबूलाल ने साफ तौर पर कहा है कि ये सोची समझी साजिश है. जिसके तहत अभय सिंह को फंसाया गया है. कहा कि राज्य में तुष्टीकरण की राजनीति ने एंटी सोशल एलिमेंट्स के लोगों को बढ़ावा दे रखा है.
Jamshedpur: 'सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया अभय सिंह को', बाबूलाल ने प्रशासन की कार्रवाई पर खड़े किए सवाल - घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद भाजपा नेता अभय सिंह
घाघीडीह सेंट्रल जेल में बंद बीजेपी नेताओं से झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल ने मुलाकात की. जेल में 25 मिनट तक बातचीत की. घटना के बारे में कहा कि ये सोची समझी रणनीति के तहत पार्टी के कार्यकर्ताओं को जेल में डाला गया है.
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कार्रवाई पर खड़े हो रहे सवाल:जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर में पिछले दिनों दो पक्षों के बीच हुए विवाद के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर अब सवाल खड़े हो गए हैं. मामले में प्रशासन ने दोनों पक्षों के लोगों को जेल भेजा दिया है. जिसमें भाजपा नेता अभय सिंह के अलावा वकील और अन्य कई लोग शामिल हैं. वहीं इन लोगों की गिरफ्तारी पर राज्य के दिग्गज भाजपा नेताओं ने कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए इसे प्रशासन की विफलता बताया है. इधर शनिवार (15 अप्रैल) की देर शाम जमशेदपुर दौरे पर आए झारखंड के प्रथम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी रविवार के दिन घाघीडीह स्थित सेंट्रल जेल में बंद भाजपा नेता अभय सिंह से मुलाकात की. इस दौरान भाजपा नेता दिनेशानंद गोस्वामी, भरत सिंह भी मौजूद रहे. जबकि सेंट्रल जेल के बाहर भाजपा कार्यकर्ता भी खड़े थे.
25 मिनट तक जेल में की बातचीत: गौरतलब है कि जेल में बंद भाजपा नेता अभय सिंह से मिलने जमशेदपुर लोकसभा सांसद विद्युत वरण महतो सेंट्रल जेल पहुंचे थे. लेकिन उन्हें मुलाकात करने से रोक दिया गया. वहीं एक दिन बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सेंट्रल जेल जाकर अभय सिंह से मुलाकात की थी. उन्होंने इस पूरे मामले पर प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा किया था. इधर लगभग 25 मिनट की मुलाकात के बाद बाबूलाल मरांडी घाघीडीह सेंट्रल जेल से बाहर निकले.
घटनास्थल पर नहीं थे अभय सिंह:बातचीत के दौरान बाबुलाल मरांडी ने साफ तौर पर कहा कि शास्त्री नगर में बीते दिनों हुए विवाद में एक पक्ष ने पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया था. जिसमें कई लोग घायल हुए थे. जबकि पत्थरबाजी की घटना में प्रशासन के लोग भी घायल हुए थे. मामले में थाने में जो एफआईआर दर्ज किया गया है. उसमें साफ तौर पर घटना का जिक्र किया गया है. कहीं भी अभय सिंह का नाम नहीं है.जबकि अभय सिंह के अलावा जेल में बंद कई लोग घटनास्थल पर नहीं थे. ऐसे में प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़ा हो रहा है. जमशेदपुर प्रशासन पूरी तरह से विफल है सोची समझी साजिश के तहत अभय सिंह को फंसाया गया है. उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में इस तरह के माहौल बन रहे हैं घटनाएं घट रही है. तुष्टिकरण की राजनीति एंटी सोशल एलिमेंट्स के लोगों को बढ़ावा दे रखा है. इस मामले में प्रदेश भाजापा का प्रतिनिधिमंडल महामहिम से मिलेगा.