जमशेदपुर: शहर के मानगो हिल ब्यू कॉलोनी के रहने वाले सैम तिवारी और अनुराग तिवारी की निर्देशित फिल्म 'टेली पौंड' ऑस्कर फिल्म में नामित हुई है. टेली पोंड ने न्यूयॉर्क और देश में अब तक 50 प्राइज बटोरे हैं. यह शार्ट फिल्म जमशेदपुर से सटे जादूगोड़ा में रहने वाले लोगों के जीवन पर बनाई गई है.
अनुराग तिवारी बताते हैं कि उनके पिता जादूगोड़ा थाने में काम करते थे, उसी समय अनुराग न्यूयॉर्क से शहर लौटे और जादूगोड़ा में टेली पौंड के किनारे कुछ लोगों को देखा, वहां के लोगों के जीवन में कई तरह की चुनौतियों को भी उन्होंने देखा, जिनमें से कुछ लोग कई बीमारियों से लड़ रहे थे.
ऐसे लोगों को देखकर अनुराग की उम्मीद जगी और उन्होंने फिल्म बनाने का फैसला किया. उन्होंने एक शार्ट फिल्म के सहारे जादूगोड़ा की तस्वीर को देश और दुनिया के सामने दिखाया है. सैम और अनुराग दोनों भाइयों की प्रारंभिक शिक्षा शहर के राजेंद्र विद्यालय से हुई. आगे की पढ़ाई करने के लिए दोनों भाई न्यूयॉर्क चले गए.
जादूगोड़ा की कहानी
जमशेदपुर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर बसे जादूगोड़ा आदिवासी बहुल इलाका है. यह पहाड़ों से घिरी एक छोटी से कॉलोनी है, जहां भारत की एकमात्र सक्रिय यूरेनियम की खान है. यूरेनियम निकालने के बाद बचे हुए कचरे को कारखाने के पास ही फेंक दिया जाता है. इस हजारों टन कचरे के पास बड़ी संख्या में लोग रहते हैं.