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जमशेदपुर के 14 वर्षीय मुक्केबाज ने बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता पदक, माता पिता के निधन के बाद शुरू किया था सफर

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Published : Jun 2, 2022, 3:55 PM IST

जमशेदपुर के 14 साल के अनीश कुमार सिन्हा ने सब-जूनियर बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है. बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन कर्नाटक के बेल्लारी में हुआ. माता पिता के निधन के बाद अनीश ने मुक्केबाजी में अपना सफर शुरू किया था. अनीश की इस सफलता पर टाटा स्टील फाउंडेशन ने आगे खेल से जुड़े समर्थन देने का आश्वासन दिया है.

medal in Boxing Championship
medal in Boxing Championship

जमशेदपुर: काशीडीह निवासी 14 वर्षीय अनीश कुमार सिन्हा ने कर्नाटक में आयोजित सब-जूनियर बॉयज एंड गर्ल्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2022 में रजत पदक जीता है. बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से कर्नाटक के बेल्लारी में 20 से 26 मई तक इस बॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था. अनीश को टाटा स्टील फाउंडेशन के अर्बन सर्विसेज विभाग की ओर से संचालित काशीडीह सामुदायिक केंद्र में प्रशिक्षित किया गया था.

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मां-बाप के देहांत के बाद अनीश ने शुरू किया था सफर:अपने माता-पिता के निधन के तुरंत बाद, इस युवा खिलाड़ी ने 2018 में मुक्केबाजी में अपने सफर की शुरुआत की. उन्होंने बताया, कि 'शुरुआत में यह बेहद मुश्किल था, खासतौर पर परेशान किया जाता था और सभी कहते थे कि मैं जीवन में कुछ भी नहीं कर पाऊंगा.' हालांकि, अनीश ने अपने जीवन के लिए नई दिशा चुनी और यह साबित किया कि वह बदलाव जीवन में बड़ी उपलब्धियों के लिए था. यह उपलब्धि उसके धैर्य और समर्पण के प्रमाण के रूप में सामने आई है. उनके कोच बबलू कुमार यादव ने अनीश के प्राचार्य सतिंदर सिंह को स्कूल से मिले भारी समर्थन के लिए धन्यवाद दिया, विशेष रूप से दस्तावेजीकरण और लचीले समय के लिए, जिसने अनीश को समय पर सेंटर को रिपोर्ट करने में सक्षम बनाया.


अनीश मातृभूमि की सेवा करना चाहता है:अनीश का इरादा बड़े होकर भारतीय सेना की सेवा करने का था. उन्होंने अपनी यात्रा और आकांक्षाओं के बारे में बात करते हुए कहा 'मैंने इस साल राष्ट्रीय शिविर में जगह बनाई है और अपने प्रशिक्षण के बाद अंडर-14 खेलूंगा. मैं अपने देश, अपनी मातृभूमि की सेवा करना चाहता हूं और निडर बनना चाहता हूं.' अनीश वर्तमान में कक्षा 9 का छात्र है. उन्होंने कहा कि उसके परिवार ने उसके प्रयासों का बहुत समर्थन किया है. हालांकि शुरुआत में उसे अपने परिवार को खेलने देने की अनुमति देने के लिए राजी करना पड़ा. अंत में अनीश ने कहा 'मेरी भावनाओं को जो भी चोट पहुंची थी, वो सारा गुस्सा मैंने बॉक्सिंग के माध्यम से निकाल दिया और इसने एक बड़ा फर्क ला दिया.'

टाटा स्टील फाउंडेशन से मिला आश्वासन: अनीश की इस सफलता पर अर्बन सर्विसेज ऑफिस में टाटा स्टील फाउंडेशन के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर सौरव रॉय और जिरेन टोपनो, हेड ट्राइबल कल्चर, टाटा स्टील ने सम्मानित किया. इसके अलावा खेल से जुड़े करियर में आगे भी उसे समर्थन का आश्वासन दिया. फाउंडेशन का अर्बन सर्विसेज विभाग सालाना लगभग 750 बच्चों को विभिन्न खेल क्षेत्रों में प्रशिक्षित करता है.

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