जमशेदपुरः देश में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. इस समस्या को लेकर बेरोजगार युवा और मजदूर देश के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन करते रहते हैं, लेकिन आजादी के बाद से अब तक किसी सरकार का बेरोजगारी खत्म करने पर फोकस नहीं रहा है. ये बातें इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहीं.
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इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने कहा कि देश में बेरिजगारी एक बड़ी समस्या रही है. लेकिन, किसी भी दल की सरकार ने पार्लियामेंट में मजदूरों की हित में चर्चा या आवाज नहीं उठाई है. उन्होंने कहा कि बिहार से अलग राज्य झारखंड बना, तो लोगों को पर्याप्त खनिज संपदा को देखते हुए निवेश की उम्मीद थी, जो आज भी अधूरी है. झारखंड के बने 20 साल हो गए, लेकिन मजदूर हित में कोई व्यवस्था नहीं की गई.
क्या कहते हैं इंटक अध्यक्ष अधिकतर उद्योग हो रहे हैं बंद
उन्होंने कहा कि सरायकेला का आदित्यपुर गम्हरिया एशिया का सबसे बड़ा इंड्रस्ट्रियल क्षेत्र है, जहां 1200 कंपनियां हैं, लेकिन आधे से अधिक कंपनी बंद हो चुकी हैं और कई बंद होने की कगार पर हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का फोकस कभी मजदूरों पर नहीं रहा और आज भी नहीं है.
उद्योग के लिए पर्याप्त जमीन
राकेश्वर पांडेय ने कहा कि झारखंड में खेतिहर जमीन कम है और उद्योग के लिए पर्याप्त जमीन है. लेकिन, झारखंड बनने के बाद एक भी उद्योग नहीं लग सका है. इससे दिन-प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. इस स्थिति में मजदूर यूनियनों को रणनीति के तहत जिम्मेदारी निभानी होगी.
सभी जिलों में बनाया जा रहा अध्यक्ष
इंटक प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में संगठन को मजबूत करने को लेकर सभी जिलों में अध्यक्ष बनाया जा रहा है. इसके साथ ही कंपनी में काम करने वाले को यूनियन से जोड़कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण कोई बैठक नहीं हो सकी है. अब हालात बेहतर हो रहे हैं, तो आने वाले दिनों में इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीवा रेड्डी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है.