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सदर अस्पताल में आईसीयू और डायलीसिस सेंटर जल्द शुरू होगा, सिविल सर्जन ने दी जानकारी

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Published : Apr 9, 2021, 8:21 PM IST

जमशेदपुर के सदर अस्पताल में मरीजों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से चिकित्सा व्यवस्था में दो नई सुविधा आईसीयू और डायलिसिस सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है. इसके अतिरिक्त अस्पताल में रेडियोलॉजी ईसीजी एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था की गई है.

ICU and Dialysis Center to start soon in Sadar Hospital jamshedpur
सदर अस्पताल

जमशेदपुरःखासमहल स्थित सदर अस्पताल में अस्पताल प्रबंधन मरीजों की सुविधा के लिए आईसीयू और डायलिसिस सेंटर खोलने की तैयारी में है. जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि डायलिसिस सेंटर और आईसीयू के लिए सदर अस्पताल में जगह का चयन कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इस नई सुविधा के शुरू होने से एमजीएम अस्पताल पर मरीजों का बोझ कम पड़ेगा.

जानकारी देते जिला चिकित्सा पदाधिकारी

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सदर अस्पताल में दूरदराज से आते हैं मरीज
जमशेदपुर के परसुडीह खासमहल क्षेत्र स्थित सदर अस्पताल में दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र कई मरीज आते है. इस मरीजों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से चिकित्सा व्यवस्था में दो नई सुविधा आईसीयू और डायलिसिस सेंटर खोलने की तैयारी की जा रही है. 100 बेड वाला सदर अस्पताल में आंख, कान, नाक हड्डी और दिमागी चिकित्सा की व्यवस्था है. इसके अतिरिक्त अस्पताल में रेडियोलॉजी ईसीजी एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की भी व्यवस्था की गई है. मरीजों की स्थिति अत्यधिक खराब होने पर उन्हें सरकारी अस्पताल एमजीएम में रेफर कर दिया जाता है. अस्पताल में आईसीयू की व्यवस्था नहीं होने से कई बार मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.


पहली मंजिल पर आईसीयू सेंटर
जिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ ए के लाल ने बताया कि वर्तमान कोरोना काल में मरीजों को चिकित्सा से लाभ पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने आईसीयू और डायलिसिस सेंटर खोलने के लिए तैयारी कर ली है. अस्पताल के पहली मंजिल पर आईसीयू सेंटर खोलने के लिए जगह चिंहित की गई है. जबकि ग्राउंड फ्लोर में डायलिसिस सेंटर शुरू करने के लिए जगह का चयन कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है. एमजीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या ज्यादा होने से बेड की कमी हो जाती है. ऐसे में मरीजों का इलाज करने में परेशानी होती है. सदर में आईसीयू और डायलिसिस सेंटर नहीं होने से मरीज एमजीएम या निजी अस्पताल का सहारा लेते है. जबकि निजी अस्पताल में इलाज कराने में अधिक पैसे लगते है. मरीजों को सदर में आईसीयू और डायलिसिस सेंटर के खुल जाने से उन्हें कहीं भटकना नहीं पड़ेगा.

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