जमशेदपुरः राज्य में सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्र में काम करने वाले अनुबंधकर्मियों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी है. उनके हड़ताल पर चले जाने से चिकित्सा के साथ कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्शन पर व्यापक असर पड़ा है. पूर्वी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन ने बताया है कि सदर अस्पताल में काम प्रभावित हुआ है. वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है जबकि जिला सर्विलांस पदाधिकारी ने बताया है कि कोरोना काल में हड़ताल से सैम्पल कलेक्शन का आंकड़ा कम हो गया है जो एक चुनौती है.
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित. जमशेदपुर के खासमहल स्थित सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष अनुबंध पर काम करने वाले कर्मी चौथे दिन भी काम बंदकर हड़ताल पर बैठे रहे. स्वास्थ्य विभाग में काम करने वाले अनुबंधकर्मियों ने बताया है कि उनके हड़ताल पर चले जाने पर उन्हें अब काम पर वापस लौटने के लिए धमकी मिल रही है. कहा जा रहा है कि काम से हटा दिया जाएगा, लेकिन हमारी मांग नई नहीं है. पूर्व में भी अपनी मांगों से सरकार को अवगत कराया गया है, लेकिन सरकार हमारे प्रति संवेदनशील नहीं है, जबकि हमसे काम पूरा लिया जाता है .
समान काम, समान वेतन की मांग
हड़ताली कर्मचारियों ने कहा कि हमारी मांग है कि हमें समान काम के लिए समान वेतन के साथ समायोजित किया जाए अन्यथा हड़ताल जारी रहेगी. इधर हड़ताल का सदर अस्पताल एमजीएम अस्पताल के अलावा स्वास्थ्य केंद्र पर असर पड़ा है. इमरजेंसी, प्रसूति विभाग और अन्य काम प्रभावित हुए हैं. जिले के सिविल सर्जन ने कहा है कि अनुबंधकर्मियों के काम पर नहीं आने से अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पर असर पड़ा है जो एक चुनौती है लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
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बता दें कि झारखंड में अनुबंधकर्मियों की संख्या 12 हजार हैं जिनमें कोल्हान में 2 हजार के लगभग है और पूर्वी सिंहभूम जिले में अनुबंधकर्मियों की संख्या 700 के लगभग है. इनके हड़ताल पर चले जाने पर कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्शन पर भारी असर पड़ा है.
जिला सर्विलांस पदाधिकारी ने बताया है कि पूर्व में अनुबंधकर्मियों के जरिये कोरोना जांच के लिए प्रतिदिन 400 के लगभग सैंपल कलेक्शन किया जाता था वर्तमान में हड़ताल होने के कारण 150 के लगभग सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है जो एक चुनौती है. बहरहाल वर्तमान कोरोना काल में अनुबंधकर्मियों की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था के अलावा कोरोना से निपटना एक चुनौती बन गया है. फैसला सरकार को करना है.